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आसुंओं के साथ फूट-फूटकर रोए
आपको बता दें कि गुलाम नबी आजाद मंगलवार को राज्यसभा में अपने विदाई भाषण के मौके पर बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनके जीवन में पांच ऐसे मौके आए जब वह आसुंओं के साथ फूट-फूटकर रोए और पूरी तरह से टूट गए। इन मौकों में से मुख्यत: संजय गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का दुनिया से जाना रहा। ये ऐसी दिन घटनाएं थी, जब वह चिल्ला चिल्लाकर रोए थे। आजाद ने कहा कि ऐसा तो वह अपने माता-पिता की मौत पर भी नहीं रो पाए थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि चौथी बार वह तेज-तेज जब रोए थे, जब वह ओडिशा में थे। उन्होंने बताया कि यह वह समय था, जब वह उनके पिता की तबीयत खराब हो गई थी और वह उनको हॉस्टिपल लेकर पहुंचे थे। जब उनको पता चला कि उनके पिता को कैंसर है। डॉक्टर ने उनको अपने पिता की साथ ही रहने की सलाह दी।
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सोनिया गांधी का फोन आया
इस बीच शाम को सोनिया गांधी का फोन आया, जिन्होंने उनको ओडिशा जाने के लिए बोला। आजाद ने बताया कि सोनिया गांधी के फोन पर वह अपने पिता को छोड़कर वह ओडिशा चले गए। जहां पर उन्होंने समंदर के किनारे पर सैकड़ों लाशों को तैरते थे। ऐसा भयानक दृश्य देखकर वह अपने आप को रोक नहीं सके और फूट-फूट कर रोने लगे। पांचवीं बार का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा कि यह वो समय था, जब गुजरात के पर्यटकों पर कश्मीर में आतंकी हमला हुआ था। उन्होंने बताया कि यह वो घटना थी, जिसने उनके दिल को हिला दिया था। गुजरात के पर्यटक कश्मीर घूमने पहुंचे थे, इसबीच आतंकियों ने उनकी बस पर हमला कर दिया।