रिपोर्ट की मानें तो इनके पिता दिवंगत कुंजुमॉन एक ड्राइवर थे। वह कांग्रेस पार्टी के समर्थक और गांधी परिवार के बड़े प्रशंसक थे। नामांकन कराने के बाद राहुल गांधी केई (Rahul Gandhi KE) ने अपना फोन बंद कर दिया और उनके भाई ने किसी से भी बात करने से इनकार कर दिया। स्थानीय पंचायत सदस्य प्रकाश के मुताबिक कुंजुमॉन एक कांग्रेस कार्यकर्ता थे और इसलिए उन्होंने अपने बेटों का नाम राजीव और राहुल रखा।
वहीं, नामांकन कराने वाले तीसरे गांधी का नाम राघुल गांधी के (Rahul Gandhi K) है। यह तमिलनाडु के कोयंबटूर से हैं। 30 वर्षीय राघुल (Raghul) ने बतौर एआईएमके उम्मीदवार अपना नामांकन कराया है। मीडिया से बातचीत में राघुल ने कहा, “मेरे पिता का नाम कृष्णन पी. है। वह एक स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता थे। बाद में वह एआईएडीएमके से जुड़ गए। जिन दिनों वह कांग्रेस में थे, मेरा जन्म हुआ और मेरा नाम ‘राघुल गांधी के’ रख दिया गया। मेरी बहन का नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी रखा गया।”
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राघुल की मानें तो वह तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। 2016 में उन्होंने कोयंबटूर के सिंगानल्लूर विधानसभा चुनाव लड़ा था, जबकि इससे पहले 2014 में वह कोयंबटूर स्थानीय निकाय चुनाव भी लड़ चुके हैं।
वायनाड सीट से इसके अलावा एक और गांधी भी चुनावी मैदान में हैं। इनका नाम केएम सिवाप्रसाद गांधी है। 40 वर्षीय सिवाप्रसाद थ्रिस्सूर के एक स्कूल में संस्कृत के शिक्षक हैं। इस सीट पर चुनाव लड़ने वाले यह चौथे गांधी उपनाम वाले शख्स हैं।
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