यहां ध्यान देने वाली बात है कि मनमोहन सिंह विदेश यात्रा के दौरान भी विमान में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जाते-आते थे। अखबारों में खबर के साथ छपता था- ‘प्रधानमंत्री के विशेष विमान से’। हालांकि मई 2014 के बाद से यह परंपरा बिल्कुल बंद हो चुकी है।
मनमोहन सिंह ने मंगलवार को राजधानी मेंअपनी किताब ‘चेंजिंग इंडिया’ के विमोचन के मौके पर बताया कि तमाम गड़बड़ियों के बावजूद भारत एक प्रमुख वैश्विक ताकत बनने वाला है। पांच खंडों में प्रकाशित इस पुस्तक चेंजिंग इंडिया, में कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के प्रधानमंत्री के रूप में उनके 10 वर्षों के कार्यकाल और एक अर्थशास्त्री के रूप में उनके जीवन के विवरण शामिल हैं।
मनमोहन ने कहा, “मैं कोई ऐसा प्रधानमंत्री नहीं था, जिसे प्रेस से बात करने में डर लगता हो। मैं नियमित तौर पर प्रेस से मिलता था। जब भी मैं विदेश दौरे पर जाता था, लौटने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन जरूर बुलाता था। उन तमाम संवाददाता सम्मेलनों का जिक्र इस पुस्तक में किया गया है।”
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा, “लोग कहते हैं कि मैं एक मौन प्रधानमंत्री था, लेकिन यह किताब उन्हें इसका जवाब देगी। मैं प्रधानमंत्री के रूप में अपनी उपलब्धियों का बखान नहीं करना चाहता, लेकिन जो चीजें हुई हैं, वे पांच खंडों की इस पुस्तक में मौजूद हैं।”
मनमोहन का बयान ऐसे समय में आया है, जब इसके पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री के अबतक के कार्यकाल के दौरान एक भी संवाददाता सम्मेलन आयोजित न करने के लिए मोदी का मजाक उड़ाया है।
सिंह ने विक्टर ह्यूगो का उद्धरण देते हुए कहा, “एक प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में भारत का उदय एक ऐसा विचार है, जिसका समय आ गया है और धरती पर कोई भी ताकत इस विचार को रोक नहीं सकती।”
मनमोहन ने 1991 में तत्कालीन वित्तमंत्री के रूप में अपने बजट भाषण के दौरान भी विक्टर ह्यूगो का उद्धरण पेश किया था। Read the
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