आपको बता दें कि पोल पैनल की ओर से ऐसा पहली बार देखा गया जब संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ इस तरह का बयान जारी किया गया है। चुनाव आयोग की ओर जारी एक बयान में कहा कि चुनाव आयोग ऐसे मामलों को अपवाद समझता है। इसके साथ ही यह भी बता दिए जाना चाहिए कि चुनाव की संवैधानिक योजना में भारत के चुनाव आयोग को एक मात्र अधिकार है।”