ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia ) का इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना रहा है। जिसके बाद मध्य प्रदेश के कमल नाथ सरकार का गिरना तय माना जा रहा है।
वहीं, कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य के इस्तीफे की बात को गलत बताया है। कांग्रेसियों का दावा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उनको कांग्रेस ने खुद निकाला है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ( KC Venugopal ) ने कहा कि पार्टी लाइन के विपरीत कार्य करने के चलते उनके उनको तत्काल प्रभाव से निकाल दिया गया है।
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वहीं, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी ज्योतिरादित्य को पार्टी से बाहर निकालने की बात कही है।
आपको बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को पहले गुजरात भवन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। जिसके बाद दोनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर पहुंचे।
जहां तीनों नेताओं के बीच लगभग एक घंटे तक बातचीत चली। पीएम आवास में बैठक के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफे की घोषणा कर दी।
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गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के 17 विधायक सोमवार की सुबह से लापता हैं और सभी के फोन बंद है। इसके बाद से सरकार पर संकट मंडराने लगा है।
यह सभी विधायक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं। इन विधायकों के फैसले पर ही सरकार का भविष्य टिका हुआ है।
वर्तमान विधानसभा की स्थिति पर गौर करें तो पता चलता है राज्य में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं है। राज्य की 230 सीटों में से 228 विधायक हैं और दो सीटें खाली हैं।
कांग्रेस के 114 और भाजपा के 107 विधायक हैं। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार निर्दलीय चार, बसपा के दो और सपा के एक विधायक के समर्थन से चल रही है।