Chamki Bukhar से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने नीतीश कुमार को दिया ऑफर
मौत के सवाल पर सन्नाटे में सुशासन बाबू बिहार के सीएम नीतीश कुमार को बुधवार को दिल्ली में थे। केंद्र सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सुशासन बाबू अपनी पार्टी जेडीयू का प्रतिनिधत्व कर रहे थे। बैठक खत्म होने के बाद जब उनसे बिहार में मासूमों के मौत पर सवाल हुआ तो नीतीश कुमार सन्नाटे में चले गए। मीडिया के सवालों को अनसुना कर गाड़ी का शीशा ऊपर करते हुए चलते बने।सुशील मोदी ने भी सवालों से किया किनारा
दूसरी ओर डिप्टी सीएम सुशील मोदी भी बुधवार को चमकी बुखार को लेकर पूछे गए सवाल से बचते नजर आए। मीडिया की ओर से जब बार बार मुजफ्फरपुर में मौत को लेकर सवाल हुआ तो मोदी ने कहा कि मैंने पहले आपको बता दिया था, ये बैंकर समिति की बैठक है और ये प्रेस कॉन्फ्रेंस सिर्फ इसी विषय के लिए आयोजित की गई है। बैंक से जुड़े मुद्दे पर अगर आप पूछेंगे तो जवाब मिल पाएगा।
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नहीं थम रहा मौत का आंकड़ा
बिहार एकीकृत रोग निगरानी टीम ने बुधवार को बच्चों के मौत पर नए आंकड़े जारी किए। जिसके मुताबिक शाम 7 बजे तक 128 मौत हो चुकी थी। इससे कुछ ही देर पहले बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार बताया था कि 113 मौतें हुई हैं। इसमें से 91 राजकीय श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच), 16 निजी केजरीवाल अस्पताल (दोनों मुजफ्फरपुर में), दो पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज में और चार अन्य जिलों में हुई हैं।
अस्पताल से नहीं लौट रहे जिंदा बच्चे
कुल मिलाकर अस्पताल जाने वाला बीमार बच्चा किस्मत का धनी हुआ तभी, जिंदा लौट रहा है वरना लौटती है उसकी लाश। लेकिन डॉक्टर और स्वास्थ्य अधिकारी अभी भी बीमारी की सटीक प्रकृति और सटीक कारण के बारे में अंधेरे में हैं।
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नेताओं के हंसी-ठहाके पर फूटा कुमार का गुस्सा
इसे पूरे घटनाक्रम के बीच लोकसभा में हंसी और ठहाकों का माहौल है। बुधवार को केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले का संबोधन दिनभर सुर्खियों में रहा। मुजफ्फरपुर में मौत और संसद में हंसी मजाक देखकर कवि और आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास का गुस्सा फूटा है। कुमार ने अठावले का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, आज हमारी संसद में ‘हवा’ के साथ होने पर मिली सफलता के विषय में बहुत जरूरी और गंभीर चर्चा हुई ! हर दल के नेता इस चर्चा पर बहुत ठहाका लगा-लगाकर खुश हुए। 200 बच्चों की हो चुकी और लगातार हो रही मौतों के बीच ! आइए अपनी-अपनी पार्टी के नेताओं के चिंटू बनकर बचाव के कुतर्क गढ़ें।