अपराधियों के चुनाव लड़ने पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, राजनीतिक दलों से कहा – टिकट देने की वजह बताएं जानिए किसे मिले कितने वोट दिल्ली के लोगों ने आम आदमी पार्टी का दिल खोलकर समर्थन किया है। उसे कुल पड़े मत में 49,74,522 लोगों का समर्थन मिला है। दूसरी तरफ दिल्ली की सत्ता से 22 साल से बाहर बीजेपी इस बार भी सरकार बनाने में विफल रही। लेकिन हार के बाद भी बीजेपी के लिए खुश होने का मौका है। भगवा दल को 70 विधानसभा सीटों में से 63 सीटों पर पिछले चुनाव की तुलना में अपने वोट शेयर बढ़ा है।बीजेपी को 35,75,430 तो कांग्रेस को 3,95,924 लोगों का समर्थन मिला है।
दिल्ली में हार से सकते में बीजेपी, क्षेत्रीय दलों को साधने में जुटा केंद्रीय नेतृत्व सिकुड़ा आप का जनाधार वोट शेयर के लिहाज से देखें तो 38 विधानसभा सीटों पर आप का वोट शेयर घटा है। पिछले चुनाव की तुलना में 5 सीटें ऐसी हैं जहां आप ने 10 प्रतिशत से ज्यादा वोट शेयर बढ़ाया है। आप ने मुस्तफाबाद विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा 23 फीसदी वोट शेयर बढ़ाया है। इसके अलावा 32 सीटें ऐसी हैं जहां आप का वोट शेयर बढ़ा भी है। मुस्लिम आबादी वाली सीटों जैसे मुस्तफाबाद,मटिया महल, चांदनी चौक, बल्लीमरान और सीलमपुर जैसे सीटों पर आप के वोटों में जोरदार बढ़त देखने को मिली। इसके अलावा 27 ऐसे विधानसभा सीटें रहीं जहां और आप और बीजेपी दोनों का वोट शेयर बढ़ा है। करावल नगर सीट पर आप के वोट शेयर सबसे ज्यादा घटे। पिछले चुनाव की तुलना में आप को यहां 13.5 प्रतिशत कम वोट मिले।
केजरीवाल मोदी सरकार से नहीं चाहते टकराव, शपथग्रहण में विपक्षी दलों के शामिल होने पर सस्पेंस बरकरार कांग्रेस का इस बार भी पत्ता साफ कांग्रेस लगातार दूसरी बार दिल्ली में अपना खाता खोल पाने में असलफ रही है। पार्टी के 63 उम्मीदवार अपनी जमानत गंवा बैठे। कांग्रेस ने 63 सीटों पर अपने वोट शेयर गंवाए हैं। दिल्ली में अपने सबसे बुरे प्रदर्शन से गुजर रही कांग्रेस के लिए अच्छी खबर कस्तूरबा नगर से आई, जहां उसने अपना वोट शेयर 2015 की तुलना में 10 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ाया है। मुस्तफाबाद में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा वोट शेयर गंवाया और यहां उसका वोट सीधे आप के पास चला गया। मुस्तफाबाद में कांग्रेस को 2015 चुनाव की तुलना में 28.8 प्रतिशत कम वोट मिले।