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– राष्ट्रपति ने मुझे प्रधानमंत्री नामित पत्र सौंपा: मोदी
– नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया
– अमित शाह ने एनडीए की ओर से राष्ट्रपति को समर्थन वाले सांसदों का खत सौंपा, पेश किया सरकार बनाने का दावा
हम नए भारत का संकल्प लेकर आए हैं: मोदी
संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद पीएम मोदी ने भी सदस्यों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मैं ह्रदय से आप सबका आभार व्यक्त करता हूं। भाजपा ने संसदीय दल के नेता के रूप में सर्वसम्मति से मुझे चुना और एनडीए के सभी दलों ने इसका समर्थन किया और इसके लिए मैं आभारी हूं। सेंट्रल हॉल की आज ये घटना असामान्य घटना है। हम आज नए भारत के हमारे संकल्प को एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाने के लिए एक नई यात्रा को यहां से आगे बढ़ाने वाले हैं। देश की राजनीति ने जो बदलाव आया है, आप सभी ने इसका नेतृत्व किया है। आप सभी अभिनंदन के आभारी हैं। लेकिन जो सदस्य पहली बार चुनकर आए हैं वे विशेष अभिनंदन के आभारी हैं। दुर्भाग्य से देश की माइनॉरिटी को उस छलावे में ऐसा भ्रमित और भयभीत रख गया है, उससे अच्छा होता कि माइनॉरिटी की शिक्षा, स्वास्थ्य की चिंता की जाती। 2019 में आपसे अपेक्षा करने आया हूं कि हमें इस छल को भी छेदना है। हमें विश्वास जीतना है। देश पर इस गरीबी का जो टैग लगा है, उससे देश को मुक्त करना है। गरीबों के हक के लिए हमें जीना-जूझना है, अपना जीवन खपाना है। गरीबों के साथ जैसा छल हुआ, वैसा ही छल देश की माइनॉरिटी के साथ हुआ है।
NDA को मोदी के नेतृत्व पर पूरा भरोसा था: शाह
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि ये प्रचंड जनादेश जो हमें मिला है वो ऐतिहासिक जनादेश है। भाजपा के 303 सांसद चुनकर आना और एनडीए के 353 सांसद चुनकर आना जनता का अपार समर्थन है। चुनाव अभियान के समय कई सवाल उठाए जाते थे, लेकिन हमारे सभी साथियों को विश्वास था कि हम 50 प्रतिशत की लड़ाई लड़ेंगे और एनडीए को मोदी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत प्राप्त होगा। जिस प्रकार से मोदी जी ने पांच साल शासन चलाया उसको देश की जनता ने स्वीकारा है। वो बताता है कि देश की जनता ने नरेन्द्र मोदी एक्सपेरिमेंट को मन से फिर एक बार स्वीकारा है। 2019 के जनादेश ने परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टीकरण को राजनीति से बाहर निकाल दिया है। कश्मीर से कन्याकुमारी और कामाख्या से कच्छ तक जनता ने मोदी के समर्थन में मतदान किया है। चुनाव प्रक्रिया के समय देश में हर जगह मोदी की सुनामी दिखाई देती थी, इस सुनामी ने विपक्षी पार्टियों को ध्वस्त कर दिया है।
शुक्रवार को मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद का इस्तीफा सौंपा
इससे पहले शुक्रवार को पीएम मोदी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर उन्हें अपनी मंत्रिपरिषद का इस्तीफा सौंपा। यह उनके अगले कार्यकाल के लिए शपथ लेने से पहले की एक औपचारिकता मात्र है। राष्ट्रपति ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया और प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद से नई सरकार के गठन तक कामकाज जारी रखने का आग्रह किया। इससे पहले मंत्रिपरिषद की बैठक में सोलहवीं लोकसभा को भंग करने का प्रस्ताव पारित किया गया जिसका गठन 18 मई 2014 को हुआ था।