दरअसल इससे पहले खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कमलनाथ सरकार गिराने को लेकर बयान दे चुके हैं। जून में उन्होंने कहा था कि, कमलनाथ की सरकार को गिराने में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने महत्वपूर्ण काम किया है। हालांकि उन्होंने अपने बयान में किसी का नाम नहीं लिया।
शायद यही वजह रही कि कैलाश विजयवर्गीय ने किसान आंदोलन के बीच इस बात का खुलासा किया कि कमलनाथ सरकार को गिराने में पीएम मोदी का अहम रोल था।
दरअसल मार्च में कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ही साथ कांग्रेस से अन्य 22 विधायकों ने भी इस्तीफा दिया था।
इसके बाद कांग्रेस की सरकार के पास बहुमत नहीं रहा और उनकी सरकार गिर गई।
इससे पहले खुद पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि 2018 में शपथ ग्रहण के बाद ही बीजेपी ने उनकी सरकार गिराने की साजिश में जुट गई थी।
कैलाश ने कही थी ये बात
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार बनने के बाद ही कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ा बयान देते हुए कहा था कि अगर पीएम मोदी या बीजेपी शीर्ष नेतृत्व इशारा करे तो हम तत्काल कमलनाथ सरकार गिरा सकते हैं।
कमलनाथ सरकार गिराने के दावे के बाद विवाद बढ़ा तो तुरंत कैलाश विजयवर्गीय ने सफाई दे डाली। उन्होंने कहा है कि सम्मेलन में मौजूद लोगों को पता है कि यह विशुद्ध रूप से मजाक है। यह बात मैंने हल्के फुल्के मजाकिया लहजे में ही तो कही थी।
कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदो को घेरा। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि क्या मोदी जी अब बताएंगे कि मध्यप्रदेश सरकार गिराने में उनका हाथ था? क्या मध्यप्रदेश की सरकार गिराने के लिए कोरोना के लॉकडाउन करने में विलंब किया? यह बहुत ही गंभीर आरोप हैं मोदी जी जवाब दें।