महागठबंधन में आरजेडी के तेजस्वी यादव ( RJD Tejashwi Yadav ) और कांग्रेस ( Congress ) के रवैये से लगातार नाराज चल रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने आखिरकार बुधवार को महागठबंधन छोड़ने का फैसला कर लिया। इससे पहले पटना में मांझी ने 20 अगस्त को अपनी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ( HAM ) के कोर ग्रुप की बैठक बुलाई थी जिसमें ये फैसला लिया गया।
Sero Survey-2 : कोरोना स्प्रेड का खतरा हुआ कम, 29% दिल्लीवालों में मिले इसके ऐंटीबॉडीज जेडीयू में नहीं होगा हम का विलय हम के पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने मीडिया को बताया कि RJD का बहुत अपमान हमारी पार्टी ने सहा है। महागठबंधन में आरजेडी ( RJD ) की दादागिरी चल रही है। हालांकि, मांझी एनडीए में जाएंगे या नहीं इसपर कोई फैसला अभी नहीं लिया गया है। इसका फैसला लेने के लिए जीतन राम मांझी को अधिकृत किया है। इतना साफ है कि कर दिया है कि किसी भी हालत में जेडीयू का हम में विलय न हीं होने जा रहा है।
प्रशांत भूषण बोले – सुप्रीम कोर्ट से दया की भीख नहीं मागूंगा, कोर्ट जो सजा देगी उसे स्वीकार कर लूंगा नीतीश से मिलाएंगे हाथ महागठबंधन से हम ( HAM ) के अलग होने की घोषणा के बाद से इस बात की चर्चा जोरों पर है कि मांझी ने महागठबंधन से बाहर जाने का निर्णय सीएम नीतीश से मिले आश्वासन के बाद लिया है।उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को विधानसभा चुनाव में करीब 7 से 10 टिकट जेडीयू के कोटे से देंगे। एनडीए ( NDA ) में वापसी को लेकर जीतन राम मांझी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) के बीच फोन पर बातचीत हो चुकी है और महागठबंधन में किनारे कर दिए गए मांझी ने आखिरकार चुनाव के ठीक पहले नए विकल्प की तरफ कदम बढ़ाने का मन फिर से बना लिया।