नाटक ‘भारत भाग्य विधाता” के सूत्रधार धर्मेश मेहता ने बताया कि श्रीमद् राजचंद्र जैन महात्मा गांधी के आध्यात्मिक गुरू थे। उन्हीं की प्रेरणा से गांधी जी के मन में अहिंसा के मार्ग पर चलने का बीज रोपित हुआ था। उन्होंने बताया कि अब तक देश भर में इस नाटक के 80 प्रदर्शन हो चुके हैं।
संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली के सहयोग से प्रदर्शित इस नाटक के लेखक प्रकाश कापड़िया एवं दिग्दर्शक राजेश जोशी हैं। नाटक में गांधी के युवा रूप में चिराग और प्रौढ़रूप में पुलकित सोलंकी अभिनय करेंगे। मोहन से महात्मा बनने की अद्भुत यात्रा की राजभवन में प्रस्तुति से गांधीजी के जीवन मूल्यों और सिद्धांतों को आत्मसात कर जीवन में अपनाने की प्रेरणा मिलेगी।
टीम को पुरस्कृत करेंगे राज्यपाल — ‘नाटक भाग्य विधाता” के प्रदर्शन से पूर्व राज्यपाल टंडन विजेता टीम को पुरस्कृत करेंगे। साथ ही अन्य प्रतिभागी टीमों को प्रोत्साहन स्वरूप प्रशस्ति-पत्र देंगे। इन बच्चों के लिये ‘भारत भाग्य विधाता” नाट्य प्रस्तुति होगी।
यह कार्यक्रम भी हो चुके हैं राजभवन में — राज्यपाल लालजी टंडन द्वारा 29 जुलाई को शपथ ग्रहण करने के बाद स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त पर राजभवन परिवार के बच्चों का सांस्कृतिक कार्यक्रम, कवि सम्मेलन और स्कूली बच्चों की बेंड प्रस्तुति का चार दिवसीय अभिनव आयोजन राजभवन में हुआ था। शौर्य स्मारक में 16 अगस्त को आयोजित बैंड प्रस्तुति में लगभग 18 स्कूली बच्चों ने बरसते पानी में अपनी प्रस्तुति देकर राज्यपाल को भाव-विभोर कर दिया था। उसी समय राज्यपाल के निर्देश पर प्रथम और द्वितीय श्रेणी के विजेताओं की घोषणा के साथ सभी बच्चों को राजभवन में आमंत्रित किया था।