सबसे अधिक खनिज ब्लॉक्स की नीलामी कर प्रदेश, देश में पहले स्थान पर आ गया है। प्रचुर खनिज संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए राज्य सरकार निजी क्षेत्र को भी प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए हाल ही में भोपाल में माइनिंग कॉन्क्लेव आयोजित की गई जिसमें कई बड़ी कम्पनियों ने माइनिंग सेक्टर में निवेश की इच्छा जताई। कॉन्क्लेव में 20 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
एमपी में पहली बार खनिज राजस्व संग्रह 5 अंकों में पहुंच गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के मुकाबले खनिज राजस्व संग्रह में 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। प्रदेश में वर्ष 2024-25 में खनिज राजस्व 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा प्राप्त किया जा चुका है जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस अवधि में महज 4 हजार 958 करोड़ 98 लाख रुपए ही प्राप्त हुए थे।
एमपी, मुख्य खनिज ब्लॉकों की सर्वाधिक संख्या में नीलामी करने में देश में प्रथम स्थान पर पहुंच गया है। प्रदेश में स्ट्रैटेजिक और क्रिटिकल मिनरल खनिज समूह के अंतर्गत अभी तक ग्रेफाइट के 8 खनिज ब्लॉक, रॉक-फॉस्फेट खनिज के 6 ब्लॉक नीलाम किए गए हैं। मुख्य खनिज के 20 ब्लॉकों की नीलामी की प्रक्रिया भी चल रही है। इसके अलावा गोल्ड के 4 ब्लॉक, मैग्नीज के 16 ब्लॉक और कॉपर का एक ब्लॉक नीलाम किया गया है।
भारत सरकार द्वारा जनवरी-2024 में लागू की गई एक्सप्लोरेशन नीति का क्रियान्वयन करने वाला एमपी पहला राज्य बन गया है। खनिज अन्वेषण के क्षेत्र में भी प्रदेश प्रथम स्थान पर है। प्रदेश में स्ट्रेटेजिक एवं क्रिटिकल मिनरल, मुख्यत: रॉक-फास्फेट, ग्रेफाइट, ग्लूकोनाइट, प्लेटिनम और दुर्लभ धातु (आरईई) की खोज की जा रही है। इसके अंतर्गत 11 क्षेत्रों पर अन्वेषण कार्य किया गया।
एमपी में भारत के कुल भंडार का 70 प्रतिशत तांबा उपलब्ध है। यहां के मलाजखंड में तांबा की सबसे बड़ी खदान है।