अरुण जेटली ने डिग्री विवाद में यह खुलासा अपने फेसबुक ब्लॉग पर किया है। इस पोस्ट में जेटली ने कहा है कि राहुल गांधी की शैक्षिक योग्यता का ‘पब्लिक ऑडिट’ करने से तमाम सवाल अनुत्तरित रह जाएंगे।
राहुल गांधी के ‘चौकीदार चोर’ बयान पर भाजपा हमलावर, सुप्रीम कोर्ट में 15 अप्रैल को होगी सुनवाई जेटली ने लिखा, “एक दिन पूरा ध्यान भाजपा के उम्मीदवार की शैक्षिक योग्यता पर चला गया, पूरी तरह यह भूलते हुए कि अगर राहुल गांधी की शैक्षिक योग्यता की सार्वजनिक जांच (पब्लिक ऑडिट) से कई चीजें अनुत्तरित रह जाएंगी। और हो भी क्यों न, उन्होंने बिना परास्नातक उपाधि पाए एम.फिल की डिग्री पाई है।”
इससे पहले वर्ष 2009 में राहुल गांधी की विदेशी डिग्री के ऊपर विवाद छिड़ गया था। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी ने कहा था कि कांग्रेस नेता ट्रिनिटी कॉलेज के छात्र थे और उन्हें 1995 में डेवलपमेंट स्टडीज में एम.फिल डिग्री अवॉर्ड की गई थी।
वायनाड हुआ 4G: चार गांधी मैदान में, राहुल के सामने Rahul और Raghul भी गौरतलब है कि शुक्रवार को स्मृति ईरानी की शैक्षिक योग्यता को लेकर उस वक्त विवाद सामने आ गए थे, जब उन्होंने अमेठी में भरे नामांकन पत्र में अपनी शैक्षिक योग्यता में लिखा था कि उन्होंने स्नातक उत्तीर्ण नहीं किया है।
हालांकि, वर्ष 2014 के शपथ-पत्र में ईरानी ने कथितरूप से लिखा था कि वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से कामर्स ग्रेजुएट हैं और उन्होंने 1994 में बीकॉम की डिग्री हासिल की थी।
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