लोकसभा चुनाव 2019: श्रीनगर, बडगाम और गंदरबल के 130 पोलिंग बूथों पर कोई नहीं करने आया ‘मतदान’ उपेक्षा का लगाया आरोप दरअसल, पिछले कुछ समय से पार्टी की नीतियों से नाराज प्रियंका चतुर्वेदी ( Priyanka Chaturvedi ) ने 17 अप्रैल को ट्वीटर के जरिए खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने अपने ट्वीट में बताया था कि मैं, काफी दुखी हूं कि पार्टी में खून-पसीना बहाने वालों से ज्यादा गुंडों को कांग्रेस में तवज्जो मिल रही है। पार्टी के लिए मैंने गालियां और पत्थर खाए हैं, लेकिन उसके बावजूद पार्टी में रहने वाले नेताओं ने ही मुझे धमकियां दीं। जो लोग धमकियां दे रहे थे, वह बच गए हैं। उनका बिना किसी कार्रवाई के बच जाना दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
एसवाई कुरैशी ने ट्वीट कर बताया, पीएम के हेलीकॉप्टर की जांच करने वाले IAS का निल… ये है पूरा मामला उन्होंने अपने ट्वीट के साथ एक चिट्ठी भी अटैच किया था जिसे विजय लक्ष्मी के ट्विटर हैंडल से जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि यह मामला 1 सितंबर, 2018 की है। उस दिन मथुरा की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रियंका ( Priyanka Chaturvedi ) ने रफाल मुद्दे पर भाजपा को घेरा था। इसके बाद कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बदसलूकी की थी। इसके बाद कुछ पर कार्रवाई भी हुई थी। चिट्ठी में अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात की गई है। लेकिन ये भी लिखा है कि कांग्रेस के एक बड़े नेता के कहने पर ये कार्रवाई रद्द कर दी गई है। इस बात को लेकर वो खुद को पार्टी के अंदर आहत महसूस कर रहीं थी।