scriptलोकसभा चुनाव 2019: इस सीट पर बड़ा दिलचस्प मुकाबला, सियासी जंग में पिता के खिलाफ उतरी बेटी | Andhra Pradesh: 6 time MP Father Kishore ChandraDev and daughter V Shruti Devi contesting from Araku Loksabha seat | Patrika News
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लोकसभा चुनाव 2019: इस सीट पर बड़ा दिलचस्प मुकाबला, सियासी जंग में पिता के खिलाफ उतरी बेटी

पिता छह बार रह चुके हैं सांसद।
पिछले माह ही कांग्रेस का छोड़ा साथ।
बेटी को कांग्रेस ने उसी सीट से ही दी टिकट।

Araku Loksabha Election 2019

लोकसभा चुनाव 2019: इस राज्य की एक सीट पर दिलचस्प मुकाबला, सियासी जंग में आमने-सामने पिता-पुत्री

हैदराबाद। सियासत की जंग में सबकुछ मुमकिन है। किसी का पत्ता कटना तो किसी को टिकट मिलना हो या फिर अपनों के खिलाफ ही ताल ठोकना, कुछ भी हो सकता है। लोकतंत्र के महापर्व यानी लोकसभा चुनाव 2019 में एक दिलचस्प चुनावी मुकाबला भी देखने को मिल रहा है। यह सीट है आंध्र प्रदेश की अराकू लोकसभा की। यहां पर अनुभवी जनजातीय नेता को चुनावी दंगल में हराने के लिए उनकी ही बेटी मैदान में है।
दरअसल पूर्व केंद्रीय मंत्री और अनुभवी राजनेता विरीचेरला किशोर चंद्र सूर्यनारायण देव अराकू लोकसभा सीट से तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि उनकी बेटी वी श्रुति देवी जो दिल्ली में वकील, सामाजिक कार्यकर्ता है, को कांग्रेस ने उनके खिलाफ इसी लोकसभा सीट से पिता के सामने उतारा है।
कुरुपम के राजा और कद्दावर नेता

बीते माह देव ने तेदेपा का दामन थाम लिया था। कांग्रेस के प्रमुख जनजातीय चेहरों में शुमार देव छह बार सांसद रहे हैं और उन्होंने पिछले महीने ही पार्टी से नाता तोड़ा था। 72 वर्षीय देव उत्तर तटीय आंध्रप्रदेश के सबसे कद्दावर नेता हैं। यहां कई राजनेता इलाके के पूर्व शासकों के परिवारों से आते हैं।
विजियानगरम जिले के कुरुपम जनजातीय राज परिवार से आने वाले देव बतौर भद्र राजनेता के रूप में लोकप्रिय हैं। उनको कुरुपम का राजा भी कहा जाता है। मृदुभाषी स्वाभाव के देव पुराने राजनेता हैं। वह अपनी विद्वता के लिए चर्चित हैं। जनजाति के लिए आरक्षित लोकसभा क्षेत्र अराकू में देव को अच्छा जनसमर्थन है।
आंध्र प्रदेश : अराकू सीट के लिए पिता-पुत्री आमने-सामने
1977 में पहली बार जीता चुनाव

अर्थशास्त्र में ग्रेजुएट और राजनीतिशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएट देव पहली बार पर्वतीपुरम से 1977 में लोकसभा के लिए चुने गए थे। इसके बाद वह 1980, 1984 और 2004 में निर्वाचित हुए।
पार्टी में फूट होने पर वह कांग्रेस (एस) के साथ चले गए थे। 1979 में चौधरी चरण सिंह की सरकार में उनको इस्पात, खनन और कोयला राज्यमंत्री बनाया गया था। वह 1993 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव के आमंत्रण पर कांग्रेस में वापस आए और 1994 में वह राज्यसभा सदस्य बने।
वह 2004 में फिर लोकसभा चुनाव जीते और 2007 में उनको कांग्रेस कार्यकारिणी समिति का सदस्य बनाया गया। परिसीमन के बाद अराकू लोकसभा क्षेत्र बनने पर वह 2009 में यहां से जीते और 2011 में उनको जनजातीय मामले और पंचायती राज मंत्री बनाया गया।
हालांकि 2014 में अराकू में देव तीसरे स्थान पर रहे थे जब प्रदेश में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी। प्रदेश में कांग्रेस की कार्यप्रणाली से नाखुश होकर वह तेदेपा में शामिल हुए।
……………. उनको विश्वास है कि दूसरे दलों से उनके खिलाफ चाहे कोई भी हो, लेकिन जीत उनकी ही होगी
पिता को जिताने में बेटी की अहम भूमिका

देव को उनकी बेटी और कांग्रेस उम्मीदवार श्रुति से कड़ी चुनौती मिल रही है। पर्यावरण कानून पढ़ीं श्रुति पिछले तीन चुनावों में पिता के चुनाव अभियान में सक्रिय रहा करती थीं। वह काफी समय से अराकू से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही थीं। श्रुति लेखिका भी हैं। उनको विश्वास है कि दूसरे दलों से उनके खिलाफ चाहे कोई भी हो, लेकिन जीत उनकी ही होगी।
श्रुति की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वह 1998 में कांग्रेस में शामिल हुईं और उन्होंने 2004 में अपने पिता की जीत सुनिश्चित की। उसके बाद 2009 में भी उन्होंने पिता की जीत में अहम भूमिका निभाई।
अराकू से 2014 में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की कोथापल्ली गीता चुनी गई थीं। उसने अब एक पार्टी बनाई है और वह चुनावी दौड़ में उतरने की योजना बना रही हैं। वाईएसआरसीपी ने इस बार यहां से पूर्व विधायक गोड्डेटी देमुडु की पुत्री गोड्डेटी माधवी को उतारने का फैसला लिया है। अभिनेता पवन कल्याण की जनसेना पार्टी ने अराकू से पांगी राजा राव को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की है।

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