अगर आप रामचरितमानस पढ़े हैं या सुने हैं, रामायण देखे हैं तो आप जानते ही हैं कि भगवान राम और माता सीता के दो पुत्र थे, लव और कुश। फिर ये भी जानते होंगे कि लव-कुश का जन्म कहां हुआ था? तो आप बताएंगे कि वाल्मीकि आश्रम में। लेकिन क्या आप जानते यह वाल्मीकि आश्रम कहां था? नहीं… कोई बात नहीं, हम आपको बताएंगे कि यह आश्रम कहां था।
इस मंदिर में सीता के साथ नहीं हैं राम यह आश्रम मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले के मुंगावली तहसील के करीला गांव में था। यहां पर एक मंदिर है, जिसे करीला माता मंदिर के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि यहीं पर लव और कुश का जन्म हुआ था। इस मंदिर में माता सीता की तो पूजा की जाती है लेकिन भगवान राम की पूजा नहीं होती। यहां उनकी प्रतिमा भी स्थापित नहीं की गई है।
हर मन्नत पूरी होती है मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी मन्नत मांगी जाती है वह पूरी हो जाती है। मन्नत पूरा होने के बाद लोग श्रद्धा के साथ यहां राई और बधाई नृत्य करवाते हैं। कहा जाता है कि इसके लिए बेड़िया जाति की महिलाएं करीला मंदिर में नृत्य करती हैं। इस मंदिर में ही माता जानकी के साथ ही वाल्मीकि और लव-कुश की भी प्रतिमाएं हैं।