क्या था मामला साल 2018 में 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं के जाने पर रोक हटाने का फैसला दिया था। जिसका केरल में व्यापक विरोध हुआ था। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट से धार्मिक परंपराओं का सम्मान करने की मांग करते हुए 65 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 6 फरवरी को फैसला सुरक्षित रखा था।
मंदिर का इतिहास महाभारत के अष्टम स्कंध और स्कंदपुराण के असुर कांड में जिस शिशु शास्ता का जिक्र है, माना जाता है कि अयप्पन उसी के अवतार हैं। अयप्पन का मशहूर मंदिर पूणकवन के नाम से विख्यात 18 पहाड़ियों के बीच स्थित है। इस मंदिर को लेकर कई मान्यताएं हैं।
18 पहाड़ियों के बीच है सबरीमाला मंदिर
बताया जाता है कि सबरीमाला मंदिर 18 पहाड़ियों के बीच है। यही नहीं, इस मंदिर के प्रांगण में पहुंचने के लिए 18 सीढ़ियां पार करनी पड़ती है। मंदिर में भगवान अयप्पन के अलावा मालिकापुरत्त अम्मा, गणेश और नागराजा जैसे उप देवताओं की भी मूर्तियां हैं।
जात-पात का कोई बंधन नहीं इस मंदिर में ना तो जात-पात का कोई बंधन और ना ही अमीर-गरीब का। यहां प्रवेश करने वाले सभी धर्म, सभी वर्ग के लोग एक समान हैं। ऐसे ही कुछ मामले हैं, जिसको लेकर इस मंदिर की तारीफ की जाती रही है।
हर मुराद हो जाती है पूरी भगवान अयप्पा को दर्शन करने वाले लोगों को दो महीने मांस-मछली और तामसिक प्रवृत्ति वाले खाद्य पदार्थों का त्याग करना पड़ता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अगर कोई भक्त तुलसी या रुद्राक्ष की माला पहनकर व्रत रखता है तो उसकी हर मुराद पूरी हो जाती है।