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इस मंदिर में कमल के फूल पर इस रूप में जन्म लिया था माँ लक्ष्मी ने, हर दीपावली को उपहार भेजते हैं श्री भगवान, जानें अद्भूत रहस्य

Sri Padmavati Temple, Tiruchanur Tirupati : इस मंदिर में कमल के फूल पर इस रूप में जन्म लिया था माँ लक्ष्मी ने, हर दीपावली को उपहार भेजते हैं श्री भगवान, जानें अद्भूत रहस्य

Oct 23, 2019 / 02:05 pm

Shyam

इस मंदिर में कमल के फूल पर इस रूप में जन्म लिया था माँ लक्ष्मी ने, हर दीपावली को उपहार भेजते हैं श्री भगवान, जानें अद्भूत रहस्य

इस मंदिर में कमल के फूल पर इस रूप में जन्म लिया था माँ लक्ष्मी ने, हर दीपावली को उपहार भेजते हैं श्री भगवान, जानें अद्भूत रहस्य

Sri Padmavati Temple : आन्ध्र प्रदेश राज्य के चित्तूर जिले में तिरुपति बालाजी मंदिर से थोड़ी ही दूर पर स्थित भगवान वैंकटेश्वर की महाशक्ति माता पद्मावती का भव्य मदिर स्थापित है। सुंदरता से भरपूर तिरुपति के पास तिरुचुरा नामक एक छोटे से गांव में अत्यंत दयालु माता पद्मावती का अति सुंदर मंदिर है। इसी मंदिर में बने तालाब में खिले कमल के फूल से ही माता लक्ष्मी ने इस रूप में जन्म लिया था। कहा जाता है कि प्रतिवर्ष कार्तिक मास की अमावस्या तिथि (दीपावली) के दिन भगवान नारायण उपहार भेजते हैं। मान्यता हैं कि यहां आने वाले भक्त की सभी मनोकामना देवी पद्मावती पूरी कर देती है। जानें अद्भूत रहस्य।

इस मंदिर में कमल के फूल पर इस रूप में जन्म लिया था माँ लक्ष्मी ने, हर दीपावली को उपहार भेजते हैं श्री भगवान, जानें अद्भूत रहस्य

इस मंत्र से की जाती है देवी पद्मावती की वंदना

ॐ नमो भगवती पद्मावती सर्वजन मोहनी।
सर्व कार्य करनी, मम विकट संकट हरणी।।
मम मनोरथ पूरणी, मम चिंता चूरणी नमों।
ॐ ॐ पद्मावती नम स्वाहा:।।

इस मंदिर में कमल के फूल पर इस रूप में जन्म लिया था माँ लक्ष्मी ने, हर दीपावली को उपहार भेजते हैं श्री भगवान, जानें अद्भूत रहस्य

देवी पद्मावती का जन्म

आन्ध्र प्रदेश राज्य के चित्तूर जिले के तिरुचुरा नामक एक छोटे से गांव में माता लक्ष्मी ने तालाब में खिले कमल पुष्प से देवी पद्मामती के रूप में जन्म लिया था। जो भगवान श्री हरि के रूप भगवान वेंकटेश्वर की पत्नी कही जाती है। पद्मावत मंदिर में आने वाले भक्तों की आस्था है कि माता पद्मावती की शरण में जाने से सभी तरह पापों से मुक्ति मिल जाती है।
यहां जो भी अपनी इच्छित मनोकामना लेकर आते है उनकी सभी मनोकामनाओं को देवी माता पद्मावती पूर्ण कर देती है। प्राचीन कथानुसार देवी पद्मावती का जन्म कमल के फूल से हुआ है जो मंदिर के तालाब में खिला था। इसलिए अब मंदिर के भीतर प्राचीन तालाब एक कुंड रूप में परिवर्तित हो गया है। यह पद्मावती मंदिर तिरुपति से मात्र पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

इस मंदिर में कमल के फूल पर इस रूप में जन्म लिया था माँ लक्ष्मी ने, हर दीपावली को उपहार भेजते हैं श्री भगवान, जानें अद्भूत रहस्य

दीवाली के दिन श्री भगवान भेजते हैं उपहार

तिरुचुरा स्थित देवी पद्मावती को तिरुपति के पीठासीन देवता भगवान श्री वेंकटेश्वर की पत्नी माना जाता है। इस मंदिर में देवी पद्मावती कमल पुष्प के आसन पर पद्मासन मुद्रा में बैठी हुई है जिसके दोनों हाथों में कमल पुष्प सुशोभित हो रहे हैं। इस पद्मावती मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण, भगवान बलराम, सुंदरराज स्वामी और सूर्य-नारायण स्वामी की मनमोहक प्रतिमा भी विराजमान है। मंदिर के उपर एक वृहद ध्वज (झंडा) लहराते रहता है जिसके उपर देवी पद्मावती के वाहन एक हाथी की छवि बनी हुई है। हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि (दीपावली) के दिन भगवान वेंकटेश्वर देवी पद्मावती के लिए उपहार भेजते हैं, यह परम्परा वर्षों से चली आ रही है।

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