मनोकामना महादेव : ब्रह्मेश्वर नाथ का चमत्कार देख उल्टे पांव लौटा था मोहम्मद गजनी
baba brahmeshwar nath : ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इस मंदिर का मुख्य दरवाजा पश्चिम मुखी है जबकि देश के अन्य शिव मंदिरों का दरवाजा पूर्व दिशा में है।
मनोकामना महादेव : ब्रह्मेश्वर नाथ का चमत्कार देख उल्टे पांव लौटा था मोहम्मद गजनी
वैसे तो हमारे देश में एक से एक चमत्कारी मंदिर है। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे, जिसका चमत्कार देख कर मोहम्मद गजनी ( muhammad ghazni ) को उल्टे पांव वापस लौटना पड़ा था। यह मंदिर बिहार के बक्सर ( Buxar ) जिले के ब्रह्मपुर में हैं। जिला मुख्यालय से इस मंदिर की दूरी 40 किमी है। इसे ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर ( baba brahmeshwar nath temple ) के नाम से जाना जाता है।
ये भी पढ़ें- sawan 2019 : एक ऐसा स्थल, जहां होता है शिव-शक्ति का मिलन पौराणिक कथा के अनुसार, इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना ब्रह्मा जी ने किया था। इस मंदिर के बारे में जानकारी अनेकों पुराणों में भी मिलता है। शिव महापुराण की रुद्र संहिता में यह शिवलिंग धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला है। यही कारण है कि इसे मनोकामना महादेव भी कहा जाता है।
मंदिर का मुख्य दरवाजा पश्चिम मुखी ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इस मंदिर का मुख्य दरवाजा पश्चिम मुखी है जबकि देश के अन्य शिव मंदिरों का दरवाजा पूर्व दिशा में है। पश्चिम मुखी दरवाजा होने के बारे में बताया जाता है कि एक बार मुस्लिम शासक मोहम्मद गजनी मंदिर तोड़ने के लिए ब्रह्मपुर आया। तब स्थानीय लोगों में मंदिर नहीं तोड़ने की गुजारिश की और कहा कि अगर मंदिर तोड़ेगो तो बाबा तुम्हारा विनाश कर देंगे।
उल्टे पांव लौटा था मोहम्मद गजनी लोगों के अनुरोध पर गजनी ने बाब ब्रह्मेश्वर नाथ को चैलेंज किया और कहा कि अगर रात भर मंदिर का प्रवेश द्वार पश्चिम की ओर हो जाएगा तो वह मंदिर को छोड़ देगा। अगले दिन जब वह मंदिर तोड़ने के लिए आया तो वह देखकर दंग हो गया। उसने देखा कि मंदिर का प्रवेश द्वार पश्चिम की तरफ हो गया है। इसके बाद वह वहां से हमेशा के लिए चला गया।
ब्रह्मेश्वर नाथ को मनोकामना महादेव कहा जाता है बताया जाता है कि ब्रह्मेश्वर नाथ के दरबार में जो भी आता है, उसकी मनोकामना पूरी करते हैं। इन्हें मनोकामना महादेव भी कहा जाता है। बताया जाता है कि यहां जलाभिषेक का महत्व सालों भर है लेकिन सावन ( sawan ) में कांवड़ियों का जलाभिषेक का विशेष महत्व है। यही कारण है कि सावन महीने में बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ ( baba brahmeshwar nath ) का दर्शन करने लाखों की संख्या में लोग आते हैं।