बताया जा रहा है तांबे के सिक्के मुगलकालीन हैं। इन पर अरबी भाषा में कुछ लिखा हुआ है। प्राचीन सिक्कों की संख्या 782 बताई जा रही है। सिक्कों को देखने उमड़ी भीड़ में से कुछ लोग ले जाने की फिराक में थे लेकिन किसी ने प्रशासन को फोन कर दिया और मौके पर पुलिस पहुंच गई। फिलहाल बेशकीमती सिक्कों को थाने में रखवा दिया गया है।
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ग्रामीणों के मुताबिक सोमवार को तालाब में खुदाई करते समय मजदूरों की कुदाल एक घड़े से टकरा गई। कुदाल की चोट से घड़ा टूट गया और टूटते ही सिक्के बिखर गए। यह देख मजदूर डर गए। उन्होंने जानकारी सरपंच व पंचायत सचिव को दी। तब तक भीड़ एकत्रित हो गई। स्थानीय लोगों ने उन्हें बोरी में भरवाया गया और इसकी सूचना प्रशासन को दी गई।
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अफसरों ने गिनवाए
मंगलवार अधिकारी गांव पहुंचे और सिक्कों को एक बर्तन में रखवाकर गिनती करवाई। जो 782 निकले। बताया गया कि सिक्के देखने में प्रथम दृष्टया मोहर प्रतीत हो रहे हैं। सिक्कों पर कचरे की परत जमी होने से अरबी जैसी भाषा को पढ़ा नहीं जा सका। अब सिक्कों की सफाई के बाद ही पता चल सकेगा कि इस खजाने की असली कीमत क्या है।