जिले के संकुल केंद्र रक्सेहा अंतर्गत प्राथमिक शाला खदिंया के सहायक शिक्षक चंसोरिया ने यह घोषणा आयोजित विदाई पार्टी में की। इसमें जीपीएफ, ग्रेज्युटी और ईपीएफ आदि से मिलने स्वत्व की राशि शामिल है। जो करीब 40 लाख रुपए बैठती है। उनके इस निर्णय की हर तरफ सराहना हो रही है। उन्होंने पत्नी तथा बच्चों से सलाह लेकर उक्त राशि दान करने का कदम उठाया। उन्हें उम्मीद है कि दूसरे लोग भी वंचित वर्ग के बच्चों के भविष्य के लिए कुछ न कुछ अंशदान करेंगे।
बच्चों के खिलखिताले चेहरे में भगवान दिखते हैं
शिक्षक चंसोरिया बताते हैं कि महज 23 साल की उम्र में शिक्षक के रूप में सेवा विभाग को देना शुरू की थी। पूरी जिंदगी बच्चों के साथ बीती है। जरूरत की जब भी चीज देते थे तो बच्चों का खुशी से खिलखिलाता चेहरा देखने से ऐसा लगता कि भगवान के दर्शन हो हो गए। बच्चे हमेशा खुश रहें, अच्छी पढ़ाई करें यही चाहते हैं, दान की गई राशि से बच्चों का भविष्य संवरेगा तो यह सौभाग्य की बात है।
परिवार को मनाने में वक्त नहीं लगा
शिक्षक चंसोरिया बताते हैं कि परिवार को इसके लिए तैयार करने में ज्यादा वक्त नहीं लगा। उनके दो पुत्र शासकीय सेवा में हैं और दामाद बैंक में नौकरी करते हैं। सब अपने बूते जिंदगी में आगे बढ़ रहे हैं। इसी बात को लेकर उन्हें अपने पिता तुलसीदास चंसोरिया और मां पार्वती के बारे में बताया कि किस तरह संघर्ष करके उन्हें आगे बढ़ाया था। जब उनकी संतान आगे निकल गई तो समाज को कुछ न कुछ तो देना ही चाहिए। सभी उनसे सहमत हो गए और निर्णय करना आसान। वहीं, उनकी पत्नी हेमलता ने बताया, इन्होंने दान करने का फैसला तो बहुत पहले ही कर लिया था, घोषणा अभी की है। परिवार के किसी भी सदस्य ने विरोध नहीं किया।