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विधवा महारानी को मंदिर से बाहर निकाला, बेटे ने कहा- कृष्ण के सामने फिर महिला का अपमान

पन्ना राजघराने के राजा छत्रसाल ने लगाए प्रशासन पर षड्यंत्र के आरोप…। मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह के लिए परंपरा तोड़ने के लगाए आरोप…।

पन्नाSep 09, 2023 / 08:44 pm

Manish Gite

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पन्ना राजपरिवार की महारानी जीतेश्वरी देवी को मंदिर से घसीटकर बाहर निकालने के मामले में नया मोड़ आ गया है। राजपरिवार के उत्तराधिकारी छत्रसाल द्वितीय इस मामले में उतर गए हैं। छत्रसाल ने मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह के कहने पर प्रशासन और पुजारियों पर राजपरिवार की परंपरा को तोड़ने का आरोप लगाया है। छत्रसाल ने कहा है कि कृष्ण के सामने एक बार फिर महिला का अपमान हुआ है।

पन्ना के प्रसिद्ध जुगल किशोर मंदिर में जन्माष्टमी की रात राजमाता जीतेश्वरी देवी और पुजारी के बीच हुए विवाद का मामला चर्चाओं में है। राजमाता को मंदिर से घसीटते हुए बाहर निकालने और उन्हें जेल भेजने के बाद उनके बेटे और पन्ना राजपरिवार के उत्तराधिकारी छत्रसाल द्वितीय ने प्रशासन पर मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह के लिए परंपरा तोड़ने का आरोप लगाया है। इस संबंध में छत्रसाल ने वीडियो जारी कर अपनी बात रखी है।

 

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निमंत्रण के बावजूद मुझे रोका गया

छ्त्रसाल ने इस संबंध में वीडियो जारी कर पन्ना की जनता से कहा है कि एक तरफा कहानी सुनकर बात करना गलत है। मुझे निमंत्रण दिया गया था कि आओ और परंपरा निभाओ। कलेक्ट के साथ मीटिंग भी हमारी हुई। लेकिन, जब मैं वहां पहुंचा तो मुझे रोक दिया गया। इसके बाद मेरी मां राजमाता जीतेश्वरी देवी मंदिर में गई थीं। बेटे के साथ अन्याय होता देख एक मां कैसे शांत रह सकती है। परंपरा टूट रही थी।


छत्रसाल ने कहा कि एक 16-17 साल का बच्चा, जिसके पिता गुजर गए। वो सिर्फ पूर्वजों की परंपरा निभाकर चले जाता, लेकिन उसी परंपरा को रोकने का षडयंत्र किया गया। जैसा वीडियो में दिखाया गया है कि मुझे परंपरा निभाने से रोक दिया गया, मुझे मंदिर घुसने नहीं दिया गया। जहां एसपी का भी बयान है कि राजपरिवार का सदस्य आता है परंपरा निभाने। आधा घंटे पहले पहुंचने के बावजूद रोका गया, यह कहां का न्याय है। अदालत से तो इंसाफ मिलेगा ही, लेकिन पन्ना के वासियों से भी इंसाफ चाहिए। वो जानें कि असलीयत में क्या हुआ। यह षडयंत्र रचा गया, जिसमें हमारी मां शिकार हो गई और उन्हें जेल में डाल दिया गया। एक मां अपने बेटे के साथ यह अन्याय नहीं देख पाई और अन्याय के लिए लड़ती रही। और हम अपने अन्याय के लिए लड़ते रहेंगे।

 

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मंत्री पर उठाए सवाल, षडयंत्र का आरोप

छत्रसाल ने कहा कि जन्माष्टमी के पहले बलदाऊ छठ के दिन ही मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह भी पहंचे थे। उसी दिन पजारियों ने 300 साल पुरानी परंपरा तोड़ दी थी। उस दिन दो चंवर निकाली गई थी। एक हमें दी, दूसरी मंत्री को दी गई। दो चंवर को अपशगुन माना जाता है। उस समय कोई कलेक्टर, एसपी भी नहीं आए थे सामने।

 

अधिकारों के लिए लड़ना कृष्ण ने सिखाया

छत्रसाल ने कहा कि अपने अधिकार के लिए लड़ना यह कृष्ण ने सिखाया है। यह कोई नहीं देख रहा कि हमारी मां को धकेला गया। राजपरिवार की तरफ से परंपरा निभाई जा रही थी। राजमाता साहब को नहीं मालूम था कि कैसे चंवर डुलाया जाता है। कहीं लिखा भी नहीं गया है कैसे चंवर डुलाया जाता है।

 

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क्या हुआ था जन्माष्टमी पर

पुलिस के अनुसार गुरुवार रात 12.15 बजे बुंदेलखंड के प्रसिद्ध जुगल किशोर मंदिर में जन्माष्टमी की पूजा चल रही थी। जैसे ही मंदिर के पट खुले और आरती शुरू हुई। इस बीच पन्ना राजघराने की सदस्य जीतेश्वरी देवी भी गर्भगृह के पास जाकर पुजारी से चंवर छुड़ाकर पूजा करने लगी और अभद्रता भरी भाषा में बात करने लगी। इस बीच पुजारी ने आरती बीच में ही रोक दी, लेकिन जीतेश्वरी देवी गर्भगृह में प्रवेश करने लगी और खुद आरती उठाने की कोशिश करने लगी। इसका विरोध पुजारी और श्रद्धालु करने लगे। इसके बाद वहां मौजूद महिला सुरक्षाकर्मी ने उन्हें गर्भगृह से खींचकर बाहर निकाल दिया था। इसके बाद कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को दोपहर में भरे बाजार में पन्ना राजघराने की सदस्य जीतेश्वरी देवी को गिरफ्तार कर लिया। उन पर धारा 295-A और 253 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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