गौरतलब है कि प्रशासन द्वारा बीते दिनों सिंचाई विभाग और नगर पालिका की टीम द्वारा संयुक्त सर्वे कराया गया था। जिसमें पाया गया था कि 17 मकान पूरी तरह से नहर के ऊपर बने हुए हैं। उन्हें हटाना पड़ेगा। इसके अलावा 150 मकानों द्वारा आंशिक रूप से अतिक्रमण किया गया है। इन्हें हटाने के लिए बारिश निकलने का इंतजार किया जा रहा था।
इसी को लेकर बीते दिनों कलेक्टर ने शांति समिति की बैठक के दौरान भी राजनीतिक दलों के लोगों से चर्चाकी थी। इसके बाद अब प्रशासन मामले में एक कदम और आगे बढ़ा है और अतिक्रमण कारियों को अतिक्रगमण हटाने के लिए एक सप्ताह की मोहलत दी गई है। इससे वे अपने अतिक्रमण हटाकर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। एसडीएम वीवी पांडेय और तहसीलदार दीपा चतुर्वेदी भी बुधवार की शाम को अतिक्रमण कारियों के बीच पहुंचे थे। अधिकारियों ने अतिक्रमणकारियों की समस्याओं को भी सुना। बताया गया कि एक सप्ताह के अंदर अतिक्रमण हटान को लेकर मुनादी भी कराई गई है।