पैसे नहीं दिए तो एंबुलेंस से उतारा
पन्ना जिले के लोहरहाई गांव के रहने वाले मुनाई आदिवासी ने बतायया कि गांव में 7 सितंबर को दूषित पानी पीने से लोग बीमार हो गए थे। उल्टी-दस्त होने के कारण दो साल की बच्ची की मौत गई थी। करीब 60 लोगों का गांव में ही इलाज किया था। उनकी चार साल की बेटी संजना भी बीमार हुई थी जिसे गांव के ही 12 लोगों के साथ जिला अस्पताल रेफर किया गया था। अस्पताल में चल रहे इलाज के दौरान बेटी संजना की मौत हो गई। जिसके बाद उन्होंने बेटी के शव को घर ले जाने के लिए अस्पताल से शव वाहन की मांग की। करीब दो घंटे इंतजार करने के बाद एंबुलेंस से शव गांव के लिए रवाना किया गया लेकिन रास्ते में एंबुलेंस के ड्राइवर ने उनसे 1100 रुपए की मांग की। बेबस पिता मुनाई ने बताया कि उनके पास इतने पैसे नहीं थे तो एंबुलेंस के ड्राइवर ने उन्हें बेटी की लाश के साथ अस्पताल से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर उतार दिया। वो एंबुलेंस ड्राइवर के सामने गुहार लगाते रहे लेकिन उसने एक न सुनी और गाड़ी लेकर वहां से चला गया। जिसके बाद वो बेटी की लाश को सीने से लगाए यहां वहां भटकते रहे।
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लोगों ने की मदद, पहुंचाया घर
बेटी की लाश कंधे पर लेकर यहां वहां भटक रहे माता-पिता ने कुछ लोगों को अपनी पीड़ा बताई जिसके बाद कुछ जिम्मेदार लोग मदद के लिए आगे आए और शहर के समाजसेवियों को सूचना दी। माता-पिता की आपबीती सुनकर समाजसेवी व कांग्रेस नेता शशिकांत दीक्षित ने तुरंत अस्पताल प्रबंधन से बात की और फिर आनन-फानन में शव वाहन की व्यवस्था कर उन्हें उनके गांव रवाना किया।