जानकारी के अनुसार बांगड़ अस्पताल के पालना गृह में बुधवार सुबह 7 बजे नवजात बालक मिला। उसकी रोने की आवाज सून अस्पताल स्टाफ ने एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया और बाल कल्याण समिति को सूचना दी। चिकित्सकों ने बताया कि नवजात बालक का जन्म 2 दिन पहले हुआ हैं। जिसके शरीर पर अस्पताल में जन्म होने का टैग लगा हैं। नवजात का जन्म 8वेंमहिने में हुआ हैं। ऐसे में उसे एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया हैं और सारी आवश्यक जांचे करवाई जा रही है। ताकि उसके स्वास्थ्य में सुधार हो सके। उन्होंने बताया की वैसे बालक की हालात खतरे से बाहर हैं।
नवजातों की अनचाही मौत से बचाने के लिए लगाए पालना गृह
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रशीद मोहम्मद ने बताया कि अक्सर देखा गया है की किसी भी कारण अनचाहे गर्भ के जन्मे बच्चे को लोग मरने के लिए जंगल या सूनसान इलाकों में लोक-लाज के डर से फेंक देते हैं। जिससे उनकी मौत हो जाती हैं। इसको देखते हुए नवजात बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए अस्पताल सहित कई जगह पर पालना गृह बनवाए हैं। जहां कोई भी अपने नवजात को छोड़ कर जा सकता हैं। वे बच्चे को क्यों छोड़ कर जा रहे हैं। इसको लेकर भी उनसे किसी भी तरह के सवाल जवाब पुलिस या कोई और नहीं कर सकता। बाद में इसे बच्चों को निसंतान दंपती को गोद देने की करवाई की जाती हैं।