चुनाव तिथि घोषित होते ही पंचो का कद बढ गया। जाति विशेष से शत प्रतिशत समर्थन प्राप्त करने के लिए प्रत्याशी पंचो की आवभगत कर रहे है। पंच भी मूंछो पर ताव दिए समाज की मिटिंग बुला रहे है। जहां सरपंच पद के लिए एक ही समाज के दो या इससे अधिक प्रत्याशी मैदान में उतरे है उन सभी को पंचो द्वारा समाज की मिटिंग में बुलाया जा रहा है। वहां ये तय किया जाता है कि समाज किसके साथ खड़ा होगा। ऐसे में जिस प्रत्याशी को मैदान में खड़े रखना तय किया जाता है उसके समर्थन में अन्य प्रत्याशियों को नामाकंन दाखिल नहीं करने का संकल्प दिलाया जा रहा है।
जिन गांवो में जाति विशेष की सीट नहीं है वहां अन्य जाति के प्रत्याशी को समर्थन देने के लिए अलग गणित बिठाई जा रही है। जाति विशेष के पंच अपने समाज के लोगों से रायसुमारी कर अपने चुंनिदा प्रत्याशी को बुलाकर उसे खुला समर्थन देने का निर्णय कर रहे हैं।
गर्मी के दिनों में अधिकांश परिवारों के सदस्य दोपहर को आराम करते हैं, लेकिन इन दिनों उन्हें आराम नसीब नहीं हो पा रहा। वजह ये कि एक के बाद एक प्रत्याशी घर पर दस्तक देकर अपने पक्ष में वोट करने का आग्रह करने पहुंच रहा है। कोई विकास के वादों के आधार पर वोट मांग रहा है तो कोई उपहार देकर वोट करने की अपील कर रहा है। इस माहौल में ये भी देखने को मिल रहा है कि गिलेसिकवे मिटाने के लिए प्रत्याशी हर संभव प्रयास में जुटे है।