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सुमेरपुर मर्केन्टाइल अरबन को-ऑपरेटिव बैंक- बोर्ड भंग, 14.73 करोड़ रुपए के गबन की पुष्टि, आरबीआई ने लगाई बैंक लेन-देन पर रोक

– सुनवाई में संचालक मंडल ने माना- असफल रहे बैंक के हितों की रक्षा करने में
– सुमेरपुर व फालना शाखा में कम मिला 14.73 करोड़ रुपए का कैश
– सहकारी समितियां व पुलिस जांच में हो सकते है कई खुलासे

पालीDec 28, 2022 / 08:32 pm

Chen

सुमेरपुर मर्केन्टाइल अरबन को-ऑपरेटिव बैंक- बोर्ड भंग, 14.73 करोड़ रुपए के गबन की पुष्टि, आरबीआई ने लगाई बैंक लेन-देन पर रोक

सुमेरपुर मर्केन्टाइल अरबन को-ऑपरेटिव बैंक- बोर्ड भंग, 14.73 करोड़ रुपए के गबन की पुष्टि, आरबीआई ने लगाई बैंक लेन-देन पर रोक

पाली। सुमेरपुर मर्केन्टाइल अरबन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की फालना तथा सुमेरपुर शाखाओं में जांच के दौरान 14.73 करोड़ रुपए का कैश कम मिलने के मामले में आरबीआई के निर्देश पर सहकारी समितियों के जांच दल ने जांच जारी है। अब तक जांच में 14.73 करोड़ रुपए के गबन की पुष्टि हुई है। इसके बाद बैंक में लेन देन पर आरबीआई ने छह माह के लिए रोक लगा दी है। इससे बैंक खाता धारकों की सांसे फूल गई है। संदेह है कि यह गबन बढ़ भी सकता है। इधर, अतिरिक्त रजिस्ट्रार जोधपुर जोन शुद्धोधन उज्ज्वल ने बैंक के वर्तमान संचालक मण्डल को अतिष्ठित कर उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां पाली को बैंक समिति का निर्वाचन होने तक प्रशासक नियुक्त किया है।
सुमेरपुर व फालना बैंक स्टाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज

मामला उजागर होने के बाद सहकारी समिति उप रजिस्ट्रार कार्यालय की ओर से सुमेरपुर थाने में सुमेरपुर मर्केन्टाइल अरबन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की फालना तथा सुमेरपुर शाखाओं के स्टाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच सुमेरपुर थानाधिकारी रामेश्वरलाल भाटी कर रहे हैं। भाटी ने बताया कि समिति की जांच पूरी होने के बाद पुलिस बैंककर्मियों व संचालक मंडल के बयान लेगी।
जाने: अब तक यह हुआ

– भारतीय रिजर्व बैंक की टीम ने बैंक के सुमेरपुर व फालना शाखा के कैश की जांच की तो इसमें 14.73 करोड़ रुपए का कैश कम मिला।

– इसके बाद उप रजिस्ट्रार सहकारी समिति ओमपाल सिंह भाटी ने चार सदस्याें का जांच दल भेजकर इसकी जांच करवाई। इसमें गबन की पुष्टि हुई।

– गबन की पुष्टि के बाद सुमेरपुर थाने में सुमेरपुर व फालना शाखा के स्टाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

– बैंक के लेन देन पर छह माह के लिए रोक लगा दी गई है।

– बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैलाश स्वरूप कल्ला को निलम्बित कर दिया गया है।

– बैंक को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है।

– जांच में बैंक में कई एफडीआर यानी फिक्स डिपोजिट रिसिप्ट गायब मिली, लाखों रुपए की फर्जी एंट्रियां भी मिली हैं।

सुमेपुर व फालना के ब्रांच मैनेजर सहित आठ जनों की भूमिका पर संदेह
इस मामले को लेकर सुमेरपुर थाने में सहकारी समिति कार्यालय की ओर से मुकदमा दर्ज करवाया गया है। इसमें मर्णल कुमार मैनेजर फालना शाखा, अरुण रावल ब्रांच क्लर्क फालना शाखा, मनीष बागलेचा ब्रांच क्लर्क फालना शाखा, इंद्रसिंह राणावत क्लर्क फालना शाखा, साहिल राणावत ब्रांच मैनेजर सुमेरपुर शाखा, पुसाराम देवासी सुमेरपुर शाखा, पुखराज देवासी सुमेरपुर ब्रांच, अमराराम देवासी क्लर्क सुमेरपुर ब्रांच को आरोपी बनाया गया है। पुलिस इसकी जांच कर रही है।

संचालक मण्डल का पूरा हो गया था कार्यकाल

मंगलवार को सुनवाई में जोधपुर में अतिरिक्त रजिस्ट्रार के समक्ष जवाब पेश करने के लिए बैंक के कार्यवाहक अध्यक्ष पूरण प्रकाश जैन, सोनिया रंगा, किसन गोयल, शिव कुमार अग्रवाल, जितेश सिंघल, खेमचंद लालवानी, प्रबंध संचालक कैलाश स्वरूप कल्ला व राकेश कुमार जीनगर उपस्थित हुए। उन्होंने लिखित जवाब प्रस्तुत किया। सूरज प्रकाश व्यास संचालक मण्डल सदस्य का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने से उपस्थित नहीं हुए। सुनवाई में संचालकों ने अवगत कराया कि बैंक के संचालक मण्डल का कार्यकाल 31 जुलाई को समाप्त हो चुका है। इसकी सूचना राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी जयपुर को संचालक मण्डल दी थी। संचालक मण्डल ने माना कि वह बैंक के हितों की रक्षा करने में असफल रहा।
इधर, पाली केन्द्रीय सहकारी बैंक का बोर्ड भंग, प्रशासक कलक्टर को बनाया
दी पाली केन्द्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड का बोर्ड सरकार ने भंग कर दिया है। इसका प्रशासक जिला कलक्टर पाली को बनाया गया है। रजिस्ट्रार मेघराज सिंह रत्नू के अनुसार दी पाली केन्द्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के चुनाव समय निकलने के बावजूद नहीं होने के कारण सोसायटी के कार्य के लिए सोसायटी की समिति का निर्वाचन होने तक जिला कलक्टर पाली को प्रशासक नियुक्त किया गया है। उन्हें तय समय तक बैंक की नई समिति का निवार्चन करवाने के निर्देश दिए गए है।
जांच जारी, बोर्ड भंग

सुमेरपुर मर्केन्टाइल अरबन को-ऑपरेटिव बैंक संचालन मण्डल का बोर्ड भंग कर दिया गया है। मामले की जांच जारी है। अब तक जांच में गबन की पुष्टि हुई है। मुकदमा भी दर्ज करवाया गया है। आरबीआई ने छह माह तक बैंक के लेनदेन पर रोक लगा दी है।

– ओमपाल सिंह भाटी, उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, पाली।

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