फालना थानाधिकारी सूरजाराम जाखड़ ने बताया कि बुधवार को फालना गांव में 10 साल का दिव्यांश पुत्र सोहनलाल हिरागर जनरल शॉप से घरेलू सामान लेकर सड़क क्रॉस कर घर जा रहा था।
पिता की मौत के बाद बड़े भाई को सरकारी अफसर बनाने के लिए जी तोड़़ मेहनत कर रहा था छोटा भाई, लेकिन मौत इंतजार कर रही थी..
इस दौरान तेज गति से आ रही एक निजी बस के चालक ने उसे चपेट में ले लिया। मासूम बस के अगले चक्के के नीचे फंस गया। चालक ने ब्रेक लगाए, लेकिन करीब 40 फीट तक मासूम सड़क पर घसीटता रहा। इससे दिव्यांश गंभीर रूप से घायल हो गया। बालक सड़क पर तड़पने लगा। चालक उसे हॉस्पिटल ले जाने की बजाय यात्रियों से भरी बस को छोड़कर फरार हो गया। गंभीर घायल मासूम को सुमेरपुर से प्राथमिक उपचार के बाद पालनपुर रैफर किया गया। लेकिन पालनपुर पहुंचने से पहले उसकी मौत हो गई।
राजस्थान से नेवी में पहली महिला तकनीकी अधिकारी बनी 20 वर्ष की रक्षिता राठौड़ बताया सक्सेस मंत्र
रास्ते पर लकड़ियां व पत्थर रखकर प्रदर्शन
घटना से गुस्साएं ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने बस को खड़ी करवा दिया और रास्ते में लकड़ियां व पत्थर रखकर प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि फालना गांव से तेज गति से निजी बसें गुजरती है। जिससे पूर्व में भी कई हादसे हो चुके है। सूचना पर थानाधिकारी सूरजाराम व बाली सीओ अचलसिंह देवड़ा भी मौके पर पहुंचे। शाम करीब सात बजे प्रदर्शनकारियों का प्रतिनिधि मंडल थाने पहुंचा। पुलिस व बस मालिक से वार्ता की, लेकिन वार्ता विफल रही। इस दौरान सरपंच फालना गांव करण सिंह राजपुरोहित, भूराराम डांगी, चम्पालाल सांखला सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। इधर, रास्ता जाम होने पर पुलिस ने रूट डायवर्ट कर वाहनों को दूसरे रास्ते से निकाला।