पिछले साल क्षय रोग उन्नमूलन में झालावाड़ जिला तीसरे स्थान पर था। जबकि बारां जिला दूसरे स्थान पर। इस बार भी पहले व दूसरे स्थान पर पाली व बारां ही है। हालांकि इस बार बारां के साथ प्रतापगढ़ जिले ने बेहतर कार्य करते हुए टाई किया है। इस कारण उन दोनों को दूसरा स्थान दिया गया है।
टीबी का रोग बैक्टीरिया के कारण होता है। जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करते है। इसे प्लमोनरी टीबी कहते हैं। रेस्पिरेटरी विशेषज्ञ डॉ. ललित शर्मा ने बताया कि एक्स्ट्रा प्लमोनरी टीबी शरीर के कई अंगों में होती है। यह हड्डी, आंखों, किडनी, पेट आदि कई जगह पर होती है। टीबी मुख्य रूप से रोगी के छींकने, खांसने पर उसके सम्पर्क में आने वाले व्यक्ति को होती है।
टीबी एक जानलेवा बीमारी है। इसका उपचार समय पर होना जरूरी है। मेरे पास इसका अतिरिक्त चार्ज है और दो वर्ष से इसमें पाली जिला बेहतर कर प्रथम आ रहा है। हमारे यहां ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी अच्छी है। –डॉ. विकास मारवाल, जिला क्षय रोग अधिकारी, पाली