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आयुर्वेद में दवाओं का टोटा, वर्ष 2025 में नहीं रहेगा

प्रदेश के आयुर्वेद चिकित्सालयों में औषधियों की कमी चल रही है। जिले के अस्पतालों में 70-80 दवाओं की जगह 50-60 दवाओं से कार्य चलाना पड़ रहा है। कई अस्पतालों में कब्ज की दवा तक नहीं है। वह मरीजों को बाहर से लानी पड़ रही है। ये िस्थति तो जिला अस्पतालों के है। गांवों व कस्बों […]

पालीNov 29, 2024 / 07:29 pm

Rajeev

Ayurveda Clinic

विभाग ने दवा के खरीद प्रक्रिया शुरू की, जिला चिकित्सालयों में 70-80 से बढ़कर दवाओ की संख्या हो जाएगी करीब 150

प्रदेश के आयुर्वेद चिकित्सालयों में औषधियों की कमी चल रही है। जिले के अस्पतालों में 70-80 दवाओं की जगह 50-60 दवाओं से कार्य चलाना पड़ रहा है। कई अस्पतालों में कब्ज की दवा तक नहीं है। वह मरीजों को बाहर से लानी पड़ रही है। ये िस्थति तो जिला अस्पतालों के है। गांवों व कस्बों के चिकित्सालयों में तो इससे भी कम दवाइयां है। दवाओं की इस िस्थति में वर्ष 2025 में बदलाव आने वाला है। जिला चिकित्सालयों में दी जाने वाली 70-80 तरह की दवाओं की जगह 150 से 160 तरह की दवाइयां आएंगी। वहीं सब सेंटर व आयुर्वेद के स्वास्थ्य केन्द्रों पर आने वाली 40 से 42 तरह की दवाओं की जगह 80 से 85 तरह की दवा मिलेगी।

प्रदेश में आयुर्वेद की चार फार्मेसी

प्रदेश में आयुर्वेद दवा चार फार्मेसी से भेजी जाती है। ये फार्मेसी जयपुर, जोधपुर, उदयपुर व भरतपुर में है। इन सभी में अलग-अलग दवाएं बनाई जाती है। इनके साथ ही अब विभाग की ओर से बाहर की फार्मेसी से भी दवाएं खरीद कर अस्पतालों में पहुंचाई जाएगी। विभाग में करीब 40 करोड़ रुपए की दवा आनी है।

एलोपैथी की तरह होगी मॉनिटरिंग

आयुर्वेद विभाग में दवाओं की नए साल में एलोपैथी औषधियों की तरह मॉनिटरिंग होगी। इसके लिए विभाग की ओर से एक सॉफ्टवेयर बनवाया जा रहा है। जिसमे रोजाना की दवा वितरण, दवा की उपलब्धता सहित अन्य सभी जानकारी एक क्लिक पर मिल सकेगी। अभी विभाग में रजिस्टर में एंट्री की जाती है।

प्रदेश में यह है िस्थति

प्रदेश में जिला चिकित्सालय 33 है। वहीं आयुर्वेद चिकित्सालय 88 है। जिनमे अजमेर में 8, अलवर में 6, बांसवाड़ा में 2, बारां मं 1, भरतपुर में 4, भीलवाड़ा में 4, चितौडगढ़ में 3, चूरू में 4, धौलपुर में 1, डूंगरपुर में 2, गंगानगर में 2, हनुमानगढ़ में 2, जयपुर ए में 5, जयपुर बी में 3, जालोर में 2, झालावाड़ में 3, झुंझनूं में 2, जोधपुर में 2, उदयपुर में 6 चिकित्सालय है। इसके साथ ही प्रदेश में 3578 आयुर्वेद औषधालय है। इसके अलावा योग एवं प्राकृतिक चिकित्सालय व औषधालय, पंचकर्म केन्द्र, चल चिकित्सा इकाइयां है। जिनमे उपचार कराने वालों को दवाइयां आने पर लाभ होगा।

दवा की नहीं रहेगी परेशानी

आयुर्वेद चिकित्सालयों में इस साल के बाद दवाओं की कमी नहीं रहेगी। आयुर्वेद की फार्मेसी को 15 अन्य दवाओं के लिए कहा है। वहीं विभाग की ओर से फार्मेसी के अलावा भी दवा क्रय करने की प्रक्रिया शुरू की है। अगले वर्ष जनवरी के बाद दवा की कमी नहीं होगी।
आनन्द शर्मा, निदेशक, आयुर्वेद विभाग, अजमेर

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