एक बार फिर कोरोना सक्रिय हो रहा हैं। लेकिन हकीकत यह हैं कि यात्रियों की अपनी मंजिल तक पहुंचने की जल्दबाजी और बस परिचालक को अच्छे राजस्व मिलने के चलते बसों में क्षमता से ज्यादा सवारियों को बैठाया जा रहा है। ऐसे में यात्रा के दौरान यात्रियों के कोरोना की चपेट में आने का डर रहता है। लेकिन उसके बाद भी रोडवेज प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा हैं।
ड्यूटी के दौरान परिचालक को सैकड़ों यात्रियों को टिकट देकर रुपए लेने होते है। इस दौरान वह भी किसी कोरोना मरीज की चपेट में आ सकता हैं। लेकिन रोडवेज प्रबंधन की ओर से इनको दिए जाने वाले साबून, सेनेटाइजर भी अब देने बंद कर दिए हैं।
पत्रिका टीम ने देखा तो कई बसों के परिचालक तो मुंह पर मास्क लगाने से परहेज करते नजर आए। सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर, कई बसों में यात्री भी मास्क लगाए नहीं मिले। ऐसे में फिर से कोरोना वायरस फैलने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता।