पाली में खुले सात अस्पताल
पाली जिले में पिछले साल ब्लॉक स्तर के सात नए होम्योपैथी चिकित्सालय खोले थे। रानी, देसूरी, बाली, रोहट, बगड़ी, मारवाड़ जंशन व ब्लॉक पाली में चिकित्सालय खोले गए। इनमें से अधिकांश उधारी के भवनों में भामाशाहों के भरोसे चल रहे हैं। ऐसा ही हाल प्रदेश में है। बाली का चिकित्सालय बंद हो चुके स्कूल भवन में चल रहा है। इन नए चिकित्सालयों के साथ पुराने एक क्लास चिकित्सालयों तक में सफाई करने के लिए कार्मिक नहीं है। चिकित्सक को ही सफाई करने, दवा देने, दवा लिखने व मरीजों की जांच करने का कार्य करना पड़ रहा है।पहले आचार संहिता फिर पद रिक्त होने से नहीं हुई आपूर्ति
विभाग की निदेशक का कहना है कि पहले आचार संहिता के कारण दवाइयों के टैंकर नहीं हो सके। उसके बाद नवंबर में डायरेटर का पद रिक्त हो गया। जो फरवरी में भरा। उस समय लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई। इस कारण दवाओं के टैंडर नहीं हो सके।भामाशाहों से मंगवाई जा रही हैं दवाइयां
विभाग की ओर से दवाओं की व्यवस्था इधर-उधर से की जा रही है। जिस अस्पताल में मरीज कम आते हैं या दवाएं पड़ी थी। वहां से दूसरे अस्पताल में भेजकर काम चलाया जा रहा है। कुछ ऐसे अस्पताल भी है, जहां दवाएं भामाशाहों से मंगवाकर मरीजों को दी जा रही हैं।होम्योपैथी निदेशक डॉ. राजरानी से बातचीत
सवाल- चिकित्सालयों में लंबे समय से दवा की आपूर्ति नहीं हुई है, मरीजों को दवा नहीं मिल रही?जवाब- दवा पिछले साल दी गई थी। दवाओं के लिए टैंडर हो गए है। दवाइयां निदेशालय स्तर पर 12 अटूबर तक आ जाएंगी। इस पर सभी जगह पर सप्लाई कर दी जाएगी।
जवाब- नए ब्लॉक चिकित्सालयों में फर्नीचर आदि का बजट जल्द देंगे। चुनाव में आचार संहिता लगने के कारण इसमे देरी हुई। सवाल- आपके चिकित्सालयों में दवा देने के लिए क्पाउंडर तक नहीं है?
जवाब- प्रदेश में 356 क्पाउंडरों की भर्ती होनी थी। वह मामला अभी अटका हुआ है।