सीओ सिटी देरावर सिंह सोढ़ा ने बताया कि शहीद नगर के एक मकान के कमरे में रविवार सुबह घेवरदास (55) पुत्र लकमीदास और उसकी पत्नी इंद्रादेवी (50) का शव मिला। इस मामले में मृतक के पुत्र प्रकाश ने बताया कि शनिवार को लापी निवासी उसके मामा सुंदरदास शनिवार को उसके घर आए थे सबने साथ खाना खाया। फिर मकान के पीछे वाली गली में उनके एक और मकान है, जहां रात को छोटे भाई फतेश और बहन अन्नु के साथ सोने चला गया। सुबह 8 बजे उसने मम्मी-पापा को कॉल किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। फिर घर पहुंचकर मुख्य दरवाजा खटखटाया। काफी देर तक दरवाजा नहीं खोलने पर दीवार कूदकर अंदर कमरे तक पहुंचा। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था और कुछ देर बाद मामा सुंदरदास ने दरवाजा खोला। उसने मम्मी-पापा को उठाने का प्रयास किया। लेकिन वे अचेत थे। दोनों ने बिस्तर पर उल्टी कर रखी थी। दोनों को बांगड़ अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना पर थाना प्रभारी किशोरसिंह भाटी पहुंचे। उन्होंने मकान में जांच करते हुए आस-पड़ौस के लोगों से पूछताछ की। पुलिस ने सुंदरदास को हिरासत में लिया। दोपहर बाद मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए। इधर, शाम को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिगड़ी के धुएं से दम घुटने से दंपती की मौत होना बताया गया।
बहन ने घुटने में दर्द होने पर भाई को बुलाया था
पुलिस ने बताया कि सुंदरदास मृतक इंद्रादेवी का रिश्ते में भाई लगता है। जो शनिवार की रात कमरे में उनके साथ सो रहा था। पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि वह देसूरी क्षेत्र के लापी गांव में रहता है। उसकी बहन इंद्रादेवी ने उसको फोन कर कहा था कि उसके घुटने में दर्द है। इस लिए वो पाली आया और उतारा करने के लिए नीबू, अगरबत्ती, सिंदूर आदि सामग्री मंगवाई थी।
मृतक की पुत्रवधु एक दिन पहले बच्चों के साथ गई थी पीहर
मृतक घेवरदास के तीन पुत्र व एक पुत्री है। दो पुत्रों की शादी हो चुकी है व एक भाई और बहन अविवाहित है। बड़े बेटे प्रकाश की पत्नी शनिवार सुबह अपने पुत्रों के साथ सारंगवास गांव अपने पीहर गई। पीछे तीन भाई और एक बहन शहीद नगर में ही थे। माता-पिता की मौत से तीन भाइयों व एक बहन का रो-रोकर बुरा हाल है।