डॉक्टरों के मुताबिक, महिला की प्री-मैच्योर डिलिवरी हुई थी, इसलिए सभी बच्चे बेहद कमजोर थे। सभी का वजन करीब एक किलोग्राम था। जन्म के बाद से ही इनमें कई तरह की दिक्कतें देखने मिल रही थीं।
महिला ने एबटाबाद के जिन्ना इंटरनेशनल हॉस्पिटल में 7 बच्चों के जन्म दिया था। जन्म के बाद से ही डॉक्टर इन्हें बचाने के जद्दोजहद में लगे थे। बच्चों को जन्म के बाद अयूब टेक्निकल हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया था। हालांकि, तब खबर आई थी कि बच्चे स्वस्थ हैं।
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पिछले हफ्ते सबसे बड़े बच्चे (लड़के) की मौत तो जन्म के ठीक दूसरे दिन हो गई थी। बाद में तीन लड़कियों की हालत में सुधार देखा गया था। हालांकि, बाद में बेटियों की भी मौत हो गई। फिर एक लड़के ने दम तोड़ दिया। मंगलवार को छठे बच्चे की मौत हुई, वह भी लड़का था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, JIHA में इन बच्चों का जन्म हुआ, लेकिन पैरेंट्स की कहने पर इन्हें एक प्राइवेट हॉस्पिटल में शिफ्ट करा दिया गया था। वहीं, पांच बच्चों की मौत हुई। इसके बाद बच्चों को अयूब हॉस्पिटल लाया गया। यहां मंगलवार को छठवें बच्चे ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
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अयूब हॉस्पिटल के इंचार्ज डॉक्टर एजाज हुसैन ने कहा कि 6 बच्चों की मौत हो चुकी है। हम सातवें बच्चे को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, उसकी हालत भी फिलहाल खतरे से बाहर नहीं है। अक्सर प्री-मैच्योर डिलिवरी में इस तरह की दिक्कतें आती हैं।