ब्रिटिश गृह सचिव साजिद जाविद से कुरैशी ने की चर्चा
कुरैशी ने बताया कि उन्होंने हाल ही में इस संबंध में ब्रिटिश गृह सचिव साजिद जाविद से इस बारे में चर्चा की है। कुरैशी ने ब्रिटिश सरकार के इस कदम को समर्थन देते हुए कहा कि इससे ‘सच्चे’ लोगों को यूके का वीजा हासिल करने में आसानी होगी। कुरैशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हम ने इस बारे में बात की है। यह सही तरह से वीजा अप्लाई करने वाले लोगों के लिए मददगार साबित होगा। इससे पाकिस्तान को फायदा होगा।
वीजा संधि के साथ-साथ प्रत्यर्पण संधि
वीजा पर संधि के साथ ही कुरैशी की योजना है कि पाकिस्तान और ब्रिटेन के बीच प्रत्यर्पण से संबंधित भी एक संबंधित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि,’यह दोनों देशों के बीच अभी तक की सबसे बड़ी बाधा है। हमें दोनों देशों की जेल में मौजूद एक-दूसरे के देशों के कैदियों के स्थानांतर करने के लिए भी इस संधि की आवश्यकता है।
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पूर्व पाकिस्तानी वित्त मंत्री को इशाक डार का प्रत्यपर्ण विवाद
आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर विवाद बीते साल की गर्मियों में गहराया था। 2018 में ब्रिटेन ने प्रत्यर्पण संधि के अभाव में पूर्व पाकिस्तानी वित्त मंत्री को इशाक डार को पाक प्रत्यर्पित करने से मना कर दिया था। डार को भ्रष्टाचार के एक मामले में जारी जांच के सहयोग के लिए पाकिस्तान वापस लौटना था।