दरअसल एलन मस्क की कंपनी टेस्ला के एक X अकाउंट से एक जनसंख्या का ग्राफ पोस्ट किया गया है, जिसमें चीन, भारत (India Population), अमेरिका, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, इथियोपिया और कांगो की जनसंख्या का सन् 2100 तक ग्राफ दिखाया गया है। इस पोस्ट पर एलन मस्क ने रिएक्शन देकर Yes लिखा है।
क्या दिखाय़ा है ग्राफ में?
टेस्ला ओनर्स सिलिकॉन वैली के वेरिफाइड अकाउंट से पोस्ट किए हुए इस ग्राफ में चीन और भारत की जनसंख्या में भारी गिरावट दिखाई गई है। चीन की जनसंख्या 2100 तक घटकर सिर्फ 731 मिलियन यानी 73 करोड़ रह जाएगी, जो वर्तमान में 141 करोड़ से ज्यादा है। वहीं भारत की जनसंख्या 109 करोड़ रह जाएगी जो वर्तमान में 143 करोड़ से ज्यादा है। वहीं पाकिस्तान की जनसंख्या में मामूली गिरावट आ सकती है। ये सन् 2100 तक 24 करोड़ हो जाएगी, जो वर्तमान में 25 करोड़ है। वहीं अमेरिका की जनसंख्या में भी कुछ खास फर्क नहीं पड़ रहा है। वर्तमान में 33 करोड़ वाली जनसंख्या सन् 2100 तक 33 करोड़ के आस-पास ही रहने का अनुमान है।
किस देश की जनसंख्या में होगा उछाल
टेस्ला के इस ग्राफ के मुताबिक सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देशों की गिरावट सबसे ज्यादा होगी तो वहीं सबसे कम जनसंख्या वाले देश नाइजीरिया की जनसंख्या 2100 तक सबसे बड़ा उछाल आएगा, 2100 तक नाइजीरिया की जनसंख्या 79 करोड़ से भी ज्यादा होगी।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में भी गिरावट का अनुमान
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की जनसंख्या प्रक्षेपण रिपोर्ट यानी World Population Prospects 2022 में भी जनसंख्या में 2080 तक स्थिरता और फिर गिरावट की संभावना जताई गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक 2100 तक वैश्विक जनसंख्या लगभग 10.4 बिलियन यानी 1.04 अरब) पर स्थिर हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया था कि वैश्विक जनसंख्या की जो बढ़ोतरी है अब उसकी दर धीरे-धीरे घट रही है, और 2080 के दशक के आसपास चरम पर पहुंचने के बाद स्थिर हो सकती है। वहीं 2020 में प्रकाशित हुई द लैंसेट की इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्युएशन (IHME) की तर से प्रकाशित एक रिपोर्ट में संभावना जताई गई थी कि 2100 तक वैश्विक जनसंख्या 8.8 बिलियन तक घट सकती है। हालांकि ये अनुमान संयुक्त राष्ट्र के अनुमान से कम है और मुख्य रूप से घटती जन्म दर और महिलाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार पर आधारित है।
जनसंख्या का क्षेत्रीय प्रभाव
सिर्फ इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में भी ये बताया गया था कि 2100 तक जनसंख्या में बढ़ोतरी या कमी का क्षत्रीय रुझान ज्यादा दिखेगा। जैसे अफ्रीका सबसे ज्यादा जनसंख्या बढ़ोतरी का केंद्र होगा। 2100 तक अफ्रीका की जनसंख्या लगभग 3 से 4 अरब तक पहुंचने का अनुमान है। वहीं एशिया में जनसंख्या 2050 के बाद स्थिर हो जाएगी या घटने लगेगी। खासकर चीन, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में ये प्रभाव देखने को मिल सकता है। इसके अलावा यूरोप और उत्तरी अमेरिका में बूढ़ी होती जनसंख्या और कम जन्म दर के चलते जनसंख्या में गिरावट की संभावना जताई गई है।