लाहौर।पाकिस्तान में पहले से ही सेना का दखल काफी अधिक रहा है। सुरक्षा से लेकर राजनीतिक उठा-पठक तक में उसका अहम योगदान रहा है। अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के एक फैसले ने सेना को जनता से जुड़े मामलों में भी दखल देने की आजादी दे दी है।
इमरान ने मंगलवार को नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल (NDC) का गठन किया है। इस काउंसिल में सेना के प्रमुख कमर जावेद बाजवा को शामिल किया गया है।इस काउंसिल का काम देश की आम जनता से जुड़े विकास कार्यों को देखना होगा। इसके साथ ऐसी योजनाओं पर काम करना है जो देश की स्थिति में सुधार ला सके।
Iran-US Tension: क्या 80 के दशक जैसे ‘टैंकर वार’ की तरफ बढ़ रहे हैं अमरीका और ईरानपाकिस्तानी कानून में सेना आम आदमी के अधीन पाकिस्तान के कानून के अनुसार सेना को आम जनता के अधीन रखा गया है। मगर यहां पर सेना राजनीति के साथ सरकार पर भी नियंत्रण रखती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह पाकिस्तान के लिए अशुभ संकेत है। धीरे-धीरे सेना के दखल का दायरा बढ़ता जा रहा है। आलोचकों का कहना है कि इमरान खान की पार्टी पीटीआई सत्ता में सेना की मदद से पहुंच सकी थी। कई लोगों ने तो ये भी आरोप लगाए हैं कि विपक्षी पार्टियों को सेना डरा और धमका रही है ताकि वे सरकार का विरोध न कर सके। इमरान का यह फैसला साबित करता है कि सेना जनता से जुड़े सभी मामलों में हस्ताक्षेप कर सकती है।
मंगलवार को काउंसिल का ऐलान किया गया। इस काउंसिल के प्रमुख रूप में खुद पाक पीएम इमरान खान के साथ सेना प्रमुख कमर बाजवा, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और आर्थिक सलाहाकार डॉक्टर हाफिज शेख को शामिल किया गया है। इस मामले में पूर्व प्लानिंग एंड डेवलपमेंट अधिकारी असन इकबाल ने ट्वीट कर लिखा कि इस तरह का बदलाव करने के बाद इमरान अब क्या आर्थिक बदहाली के लिए सेना को भी जिम्मेदार ठहराएंगे।