पाकिस्तान में मीडिया पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि वह इससे दूरी बनाकर रखे। सेना की साफ हिदायत है कि मीडिया इस मामले को कवर न करे। यह मामला जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर से जुड़ा हुआ है। बीते रविवार को पाक के सैन्य अस्पताल में एक बड़ा धमाका हुआ था। इस धमाके में करीब 10 लोग गंभीर रूप से घायल हुए है। इस विस्फोट में मसूद के मारे जाने या गंभीर रूप से घायल होने की आशंका जाहिर की गई है।
क्वेटा के एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने बताया कि सेना ने मीडिया को इस घटना को कवर न करने की कड़ी हिदायत दी है। कार्यकर्ता अहसान उल्लाह मियाखेल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर दावा किया है कि यूएन ब्लैकलिस्टेड आंतकवादी और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के प्रमुख मसूद अज़हर इसी अस्पताल में धमाके के वक्त मौजूद था। भारतीय इंटेलीजेंस एजेंसी ने हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की है। मगर सूत्रों के हवाले से पता चला है कि दस घायलों में आतंकी मसूद अजहर भी शामिल है।
मियाखेल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर कहा कि मिलिट्री अस्पताल में हुए विस्फोट के बाद करीब दस घायलों का इलाज चल रहा है। जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर का अस्पताल में पहले से ही इलाज चल रहा है। ऐसे में मसूद की मौत को लेकर पाकिस्तान में चर्चाएं तो हैं पर कोई भी इसे उठाने को तैयार नहीं है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता ने बताया कि विस्फोट के कारणों का पता नहीं चल रहा है। उसने कहा यह एक हमला भी हो सकता है। एक अन्य ट्विटर उपयोगकर्ता ने आशंका जाहिर की है कि यह एक सुनियोजित हमला है, आतंकी को मारने के लिए इसे अंजाम दिया गया।
एक अन्य उपयोगकर्ता ने बिल्डिंग से धुआं निकलते हुए वीडियो साझा किया। गौरतलब है कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर इस समय दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकियों में से एक है। दक्षिण एशियाई देशों में उसका नेटवर्क सबसे अधिक आतंकी घटनाओं को अंजाम देता है। हाल ही में उसे वैश्विक आतंकी घोषित किया गया है।