इरशाद खान ने इस वेब सीरीज के बारे में बात करते हुए कहा, “अंबिका पटेल को ठोकिया नाम तब मिला जब उन्होंने स्पेशल टास्क फोर्स के जवानों पर वार किया। साल 2008 में उसका एंकाउंटर कर दिया गया। मैं ये कहानी बाबिल खान को सुना रहा हूं ताकि वे इस रोल के बारे में अच्छी समझ ले लें।
उन्होंने कहा, “जब सरकार की तरफ से सब्सडी मिलती है तो इससे बड़ी राहत मिलती है।” प्रोड्यूसर इरशाद खान ने अपने करियर के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया, “उनके पिता करीब तीन दशक पहले उनके साथ मुंबई आ गए थे। उनकी परवरिश यहीं पर हुई। कादर खान और उनके साथ के लोगों के संपर्क में आने के बाद इरशाद थियेटर से जुड़ गए थे।
यह एक मेधावी छात्र के डाकू बनने और फिर एसटीएफ जवानों की हत्या कर वॉटेड बनने की कहानी फिल्मी है। 7 अप्रैल 1972 को चित्रकूट जिले के लोखरिया पुरवा गांव में अंबिका पटेल नाम के लड़के का जन्म हुआ था। अंबिका पटेल पढ़ने में काफी तेज था।
इसके बाद क्या ही था, हालात ने डॉक्टर बनने की जगह अंबिका पटेल को उत्तर भारत का बेरहम और कुख्यात डकैत बना दिया। और लोग अंबिका पटेल को ठोकिया के नाम से जानने लगे। ठोकिया तीन राज्यों में चर्चित हो चुका था। उसके खिलाफ लगातार लूट, हत्या और अपहरण के मामले दर्ज हो रहे थे। मध्य प्रदेश, राजस्थान और यूपी तक उसकी दहशत थी। सरकारी कर्मचारियों और रसूखदारों को वह निशाना बनाता था। अपहरण और हत्या की घटनाओं को अंजाम देता था।