अंधेरे कमरे में रात के 2:30 बजे हुई थी शूटिंग
इम्तियाज (Imtiaz Ali) ने गाने के बारे में बात करते हुए बताया कि रात के 2:30 बजे थे और सभी लोग स्टूडियो में बैठे हुए थे और लगभग जाने की तैयारी में थे। इस दौरान ए आर रहमान (A R Rahman) की एंट्री हुई। उन्होंने स्टूडियो की लाइट्स बंद करवा दीं और कैंडल लाइट्स जलाने को कहा ताकि गाने को फील किया जा सके। फिर गुरु दत्त की फिल्मों के संगीत के बारे में चर्चा शुरू हुई और ट्यून की थीम को ओल्ड बॉलीवुड सॉन्ग की तरह रखने को कहा।यह भी पढ़ें: खत्म हुआ इंतजार, Manoj Bajpayee की फिल्म ‘भैया 2’ इस दिन होगी रिलीज
45 मिनट के अंदर इरशाद कामिल (Irshaad Kamil) ने गाने की लिरिक्स लिख दी। स्टूडियो का माहौल बिल्कुल ही बदल गया। जब गाना कंपोज हो रहा था तब स्टूडियो में बैठे लोग रोने लगे थे। ऐसे में रहमान ने इरशाद से कहा कि ये तुमने क्या लिख दिया है इरशाद। तुम लोगों को रुला रहे हो।