फिडे अध्यक्ष ने पाक पीएम को सौंपे दस्तावेज
फिडे के अध्यक्ष अरकडी ड्वोरकोविच ने इस्लामाबाद में आयोजित एक समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अनवर उल हक को मरणोपरांत जीएम उपाधि दिया। इसी के साथ ही मीर सुल्तान खान को वो सम्मान प्राप्त हो गया, जिसके वो हकदार थे।
1950 में हुई ग्रैंडमास्टर खिताब देने की शुरुआत
फिडे ने 1950 में खिलाडिय़ों को ग्रैंडमास्टर खिताब देने की शुरुआत की थी। वहीं, सुल्तान का निधन 25 अप्रेल 1966 के दौरान हुआ था। उस समय भी वह इस खिताब के प्रबल दावेदार थे, लेकिन किन्ही कारणों से उन्हें ग्रैंडमास्टर उपाधि नहीं मिली।
भारत में हुआ था जन्म
सुल्तान खान का जन्म 13 मार्च 1903 में पंजाब के सरगोधा में हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है। आजादी के बाद वह भारत से पाकिस्तान चले गए थे।
पिता से सीखा चेस
सिर्फ नौ साल की उम्र में सुल्तान ने अपने पिता से चेस सीखना शुरू किया था और जल्द ही उन्होंने इसमें महारत हासिल कर ली। 21 साल की उम्र में वह पंजाब के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी थे।
पांच साल में तीन बार ब्रिटिश चेस चैंपियनशिप जीती
सुल्तान का अंतराष्ट्रीय करियर सिर्फ पांच साल का रहा। लेकिन इस दौरान ही उन्होंने तीन बार 1929, 1931 और 1932 में ब्रिटिश चेस चैंपियनशिप जीती और विदेश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। उन्हें अपने समय में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाडिय़ों में गिना जाता था।
कई दिग्गजों को दी मात
सुल्तान ने अपने समय में दुनिया के कई दिग्गज खिलाडिय़ों को मात दी। उनकी सबसे बड़ी जीतों में पूर्व विश्व चैंपियन जोस राउल कैपबेलैंका को हराना रही। इसके अलावा उन्होंने फ्रैंक मार्शल और सेविली टार्टाकोवर जैसे प्रसिद्ध खिलाडिय़ों को भी मात दी। वहीं, पूर्व विश्व चैंपियन अलेक्जेंडर अलेखिन और मैक्स यूवे को ड्रॉ पर रोका।