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आपकी बात…ऑनलाइन गेमिंग और सट्टे को रोकने के लिए गंभीरता क्यों नहीं बरती जा रही ?

पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं मिलीं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं

जयपुरNov 05, 2024 / 03:59 pm

विकास माथुर

सरकार में इच्छाशक्ति का अभाव
ऑनलाइन गेमिंग और सट्टे के कारोबार में बड़े औद्योगिक समूहों की भागीदारी होती है। इन पर रोकथाम लगाने की सरकार में इच्छाशक्ति का अभाव है। इसी वजह से यह कारोबार दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है और युवा वर्ग तेजी से इसकी गिरफ्त में आ रहा है।
—रवि जैन, उदयपुर
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बड़ी कंपनियों के आर्थिक हित की भूमिका
ऑनलाइन गेमिंग और सट्टे को रोकने में गंभीरता की कमी कई कारणों से है। इसमें बड़ी कंपनियों के आर्थिक हित, सरकार को मिलने वाले टैक्स राजस्व और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर नियमों के अभाव की भूमिका है। इसके अलावा, युवा पीढ़ी की ऑनलाइन जुड़ाव और मनोरंजन के बदलते तरीकों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सरकार को सख्त नियमन, जन जागरूकता और कड़ी निगरानी की जरूरत है, ताकि समाज पर इसके नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सके।
—संजय माकोड़े , बैतूल
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आधुनिक निगरानी तंत्र का अभाव
देश में साइबर अपराधों के लिए मजबूत व आधुनिक निगरानी तंत्र और सख़्त नियम कानूनों का अभाव है। सटोरिए इसका भरपूर लाभ उठा रहे हैं, जब तक एजेंसियों को इनकी भनक लगती है तब तक लोग ठगी का शिकार बन जाते हैं। सरकार को इनसे निपटने के लिए पुलिस को आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाने चाहिए। साथ ही समय समय पर प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए जिससे इन घटनाओं पर रोक लग सके।
गजेंद्र चौहान कसौदा, जिला डीग
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विशेषज्ञों की कमी
ऑनलाइन गेमिंग और सट्टे को रोकने के लिये जांच प्रणालियों मे उन्नत तकनीकों का अभाव है। जितनी तेजी से ये गेमिंग अपने नये रूप मे आते हैं, उनकी रोकथाम के लिये विशेषज्ञों की कमी भी महसूस की जा रही है। इन के प्रति गंभीरता ना लेना इन्हें रोक ना पाने का कारण है।
-नरेश कानूनगो, देवास, म.प्र
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विदेशी सट्टेबाजों पर कार्रवाई मुश्किल
सरकारें सख्त कानून बनाने को लेकर असमंजंस में है। उसे सट्टेबाजी से प्राप्त करों से लाभ मिल रहा है। सामान्यत: सट्टेबाजी करने वाले प्लेटफॉर्म दूसरेे देशों के होते हैं। जिससे उन पर कार्रवाई करना मुश्किल हो जाता है। लोग अक्सर ऑनलाइन सट्टे के जोखिमों से अनजान होते हैं और इस तरफ युवा वर्ग आसानी से आकर्षित हो जाते हैं। सरकार इसे रोकना भी नहीं चाहती, क्योंकि इसमें व्यस्त न होने पर युवा रोजगार मांगने लगेंगे। इसे नियंत्रित करने के लिए सरकार और नियामक संस्थाओं को मिलकर ठोस कदम उठाने चाहिए।
-मुकेश भटनागर, भिलाई, छत्तीसगढ़
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सरकार को राजस्व का लालच
ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर सट्टा बाजार से राजस्व मिलता है। हर हाथ में मोबाइल है और इंटरनेट का कारोबार पूरे विश्व में फैला हुआ है तो गेमिंग खेलने वालों को एकदम से नहीं पकड़ा जा सकता। उसके लिए केंद्र सरकार को कठोर नियम बनाना होगा जो सभी राज्यों पर एक साथ लागू हो लागू हो। तभी उस पर काबू पाया जा सकता है।
लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़
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सरकार की शह पर गेमिंग व्यवसाय फलफूल रहा
जिस तरह शराब, सिगरेट बीड़ी के साथ हमारा रवैया है , वही हाल ऑनलाइन गेमिंग और सट्टा के साथ है । इन क्षेत्रों में अथाह कमाने का साधन और संभावना होने की वजह से इनसे नफरत दिखाई भी जाती है, पर महज कागजों पर। सरकार को भी इससे राजस्व मिलता है। असलियत में पीछे के दरवाजे से दोनो क्षेत्रों से लगाव भी है । ये ‘नशा’ तो है, पर अर्थ विथ जगत का ‘शान’ भी है , इसलिए युवा वर्ग के एक बड़े भाग के ‘नाश’ का कारण भी ।
अनन्त प्रकाश, बेंगलूरु
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सरकार को दिलचस्पी नहीं
ऑनलाइन गेमिंग के नाम से जो सट्टा चल रहा हैं इसमे लोग पहले वॉलेट में पैसा डालते हैं। लोगों एवं गेमिंग पार्टी दोनों के पैसा से सरकार में जीएसटी जाती हैं तब सरकार के खजाने में आमदनी दिखती हैं तो सरकार इससे रोकने में दिलचस्पी नहीं रख रही हैं । राजकोष बढ़ाने में युवा वर्ग को खासा नुकसान हो रहा है।
अजीतसिंह सिसोदिया – खारा बीकानेर
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मोबाइल पर आसानी से उपलब्ध होने से आकर्षण
इंटरनेट और मोबाइल एप्स के बढ़ते इस्तेमाल के कारण ऑनलाइन गेमिंग और सट्टा तेजी से लोगों को आकर्षित कर रहा है। यह मनोरंजन के साथ-साथ लोगों की कमाई का अच्छा साधन बन गया है। इस कारण इस पर नियंत्रण करना बहुत मुश्किल हो गया है। सरकार भी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर टैक्स लगाकर अच्छा राजस्व कमा रही है जिससे वह इस उद्योग पर प्रतिबंध नहीं लगा रही है।
मोदिता सनाढ्य, उदयपुर

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