भ्रष्ट राजनेता संगठित अपराधियों को संरक्षण देने या उनके कार्यों पर आंखें मूंद लेते हैं। बदले में उन्हें वित्तीय मदद मिलती है, जिसका उपयोग वे चुनावों आदि के लिए करते हैं। दोनों के मिलीभगत से भ्रष्टाचार पनपता है और देश को काफी नुकसान पहुंचता है। संगठित अपराध समूह चुनावों में मतदाताओं को प्रभावित करते हैं।
मुकेश भटनागर, भिलाई, छत्तीसगढ़
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राजनीतिक दलों का सत्ता प्राप्त करना एकमात्र उदृेश्य हो गया है। सेवा कार्य कहीं पीछे छूट गया है। राजनीतिक दल, सत्ता हासिल करने के लिए आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को भी टिकट दे देते हैं। यहीं से राजनीति का अपराधीकरण शुरू होता है। राजनीति का अपराधीकरण रोकने केलिए ठोस उपाय होने चाहिए।
हितेश चौहान, सिरोही
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संगठित अपराध और राजनीति का गहरा संबंध एक गंभीर समस्या है। इससे देश की अर्थव्यवस्था, लोकतंत्र और कानून व्यवस्था को नुकसान पहुंचता है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार को कड़े कानून बनाने के साथ ही उन्हें सख्ती से लागू करना चाहिए। जनता को भी जागरूक होने और ऐसे नेताओं का चुनाव करने की आवश्यकता है जो अपराधियों से मुक्त हों।
—राजूराम प्रजापत, नागौर, राजस्थान
राजनीति और संगठित अपराधों में गहरा संबंध है। जितना बड़ा अपराध होगा उतना गहरा संबंध उसका राजनीति से संबंध होगा। पुलिस भी अपराधियों को पकडने में रुचि नहीं दिखाती। अपराधियों के हौंसले बुलंद होते जाते हैं और वे अधिक अपराध करते हैं। इससे भ्रष्टाचार पनपता है और ईमानदार लोगों को नुकसान पहुंचता है।
— राकेश मोहनलाल कुमावत, नराना,ग्राम डकाच्या, पोस्ट पांदा जागीर, तह. सोनकच्छ, जिला देवास मध्य प्रदेश
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देश की तरक्की के लिए राजनेता, अपराधियों को रखें दूर
लोकतंत्र देश के विकास में सहभागी है लेकिन राजनीतिक दलों की सत्ता लोलुपता किसी भी हद तक चली जाती है। वे अपराधियों का सहयोग लेने से भी नहीं चूकते। इससे अपराध को बढावा मिलता है। देश में अनाचार, भ्रष्टाचार, अपराध पनपते हैं। विकास के लिए सत्ता में अपराधियों का स्थान नहीं होना चाहिए।
—मुकेश सोनी, जयपुर
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अपराधियों और नेताओं की मिलीभगत
अपराधियों के राजनीतिक दलों के साथ गहरे संबंध होते हैं। राजनेताओं की शह पर ही अपराधी बडे बनते जाते है। कानून व्यवस्था को वे ठेंगा दिखाते हैं। इससे पुलिस का मनोबल टूटता है।
आपराधिक पृष्टभूमि वाले कई व्यक्ति सांसद व विधायक भी बन जाते हैं।
—अजीतसिंह सिसोदिया – खारा बीकानेर
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राजनीति और संगठित अपराधों के बीच संबंध कई बार देखा गया है। आपराधिक तत्व राजनीति में घुसपैठ कर सत्ता और सुरक्षा का लाभ उठाने की कोशिश करते हैं। भ्रष्टाचार, अवैध धन और बाहुबल का उपयोग चुनावी प्रक्रियाओं को प्रभावित करने में किया जाता है। ऐसे संबंध लोकतंत्र को कमजोर करते हैं और कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती पैदा करते हैं। इसे रोकने के लिए सख्त कानूनों, राजनीतिक शुद्धिकरण और पारदर्शी चुनावी सुधारों की आवश्यकता है।
—संजय माकोड़े बैतूल
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प्रत्यक्ष और परोक्ष दोनों रूपों में राजनीति और संगठित अपराधों में चोली दामन का साथ है । संगठित अपराधों की संजीवनी ही राजनीति है। किसी भी बडे अपराध में राजनीतिक संरक्षण जरूर मिलता है। इससे अपराध करने वालों के हौंसले बुलंद हो जाते हैं। स्वयं बडे अपराधी ही, अपने अपराध पर पर्दा डालने के लिए राजनीति में टिकट पा लेेते हैं, जो कि बहुत चिंताजनक है।
— विजय नामदेव, धामनोद, जिला धार मप्र