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आपकी बात… वर्तमान शिक्षा प्रणाली युवाओं के भविष्य के लिए पूरी तरह उपयुक्त नहीं

आज की शिक्षा प्रणाली में संस्थानों की भीड़ तो है, लेकिन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अच्छे शिक्षकों की कमी के कारण बच्चे केवल डिग्री लेकर रह जाते हैं। रोजगार के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल की कमी छात्रों को प्रभावित कर रही है।

जयपुरDec 08, 2024 / 01:18 pm

Hemant Pandey

आज की शिक्षा प्रणाली में संस्थानों की भीड़ तो है, लेकिन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अच्छे शिक्षकों की कमी के कारण बच्चे केवल डिग्री लेकर रह जाते हैं। रोजगार के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल की कमी छात्रों को प्रभावित कर रही है।

आज की शिक्षा प्रणाली में संस्थानों की भीड़ तो है, लेकिन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अच्छे शिक्षकों की कमी के कारण बच्चे केवल डिग्री लेकर रह जाते हैं। रोजगार के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल की कमी छात्रों को प्रभावित कर रही है।


पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

प्रतिस्पर्धा और तनाव का दुष्प्रभाव


वर्तमान शिक्षा प्रणाली युवाओं के भविष्य के लिए पूरी तरह उपयुक्त नहीं कही जा सकती, क्योंकि इसमें प्रतिस्पर्धा और तनाव का माहौल होता है, जो छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसके अलावा, पारंपरिक शिक्षा प्रणाली में रचनात्मकता और नवाचार को प्रोत्साहित नहीं किया जाता, जबकि व्यावहारिक कौशल जैसे समस्या-समाधान, संचार और टीम वर्क पर भी पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जाता।
संजय निघोजकर, धार
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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल विकास


शिक्षा में सबसे महत्वपूर्ण उसका गुणवत्तापूर्ण होना है। यह केवल डिग्री तक सीमित न हो, बल्कि कौशल विकास पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि युवाओं को भविष्य में रोजगार प्राप्त करने में आसानी हो।
– साजिद अली, इंदौर
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लॉर्ड मैकाले की शिक्षा प्रणाली की सीमाएं

वर्तमान शिक्षा प्रणाली जो लॉर्ड मैकाले की देन है, केवल “व्हाइट कॉलर” नौकरियां उत्पन्न करती है। इसे डिग्री प्रदान करने के साथ-साथ जीवन कौशल सिखाने पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि युवा बेरोजगार न रहें और आत्मनिर्भर बन सकें।
– कैलाश चंद्र मोदी, सादुलपुर (चूरु)
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शिक्षा को रोजगार से जोड़ना जरूरी


प्रारंभिक शिक्षा से ही रोजगार परक पाठ्यक्रम शुरू किए जाने चाहिए। वर्तमान शिक्षा प्रणाली में तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण पर जोर दिया जाना चाहिए, ताकि बच्चे प्रारंभ से ही रोजगार के लिए तैयार हो सकें।
– नटवर लाल थानवी, अहमदाबाद
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पाठ्यक्रम में व्यावसायिक विषयों की आवश्यकता


शिक्षा प्रणाली को सुधारते हुए व्यावसायिक विषयों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना आवश्यक है। इससे युवा सरकारी नौकरियों पर निर्भर रहने के बजाय रोजगार सृजन की ओर प्रेरित होंगे।
– प्रकाश भगत, नागौर
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रचनात्मक और छात्र-केंद्रित प्रणाली हो


शिक्षा प्रणाली को अधिक व्यावहारिक, रचनात्मक और छात्र-केंद्रित बनाया जाना चाहिए। इसे बदलती दुनिया की आवश्यकताओं के अनुसार ढालना अनिवार्य है।
– राजूराम प्रजापत, नागौर

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व्यावसायिक प्रशिक्षण पर ध्यान दें


वर्तमान प्रणाली युवाओं को केवल नौकरियों की ओर आकर्षित कर रही है। यदि युवाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जाए, तो वे स्वतंत्र रूप से व्यवसाय शुरू कर बेरोजगारी कम कर सकते हैं।
– उद्धव जोशी, उज्जैन
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, एक वरदान


राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 में स्टार्टअप और उद्यमशीलता के लिए विशेष पाठ्यक्रम शामिल किए गए हैं, जो युवाओं को स्वतंत्र सोच और नवाचार के लिए प्रेरित करते हैं। यह नीति पारंपरिक करियर विकल्पों से आगे बढ़कर युवाओं को नए क्षेत्रों में भविष्य बनाने के लिए प्रोत्साहित करती है।
– ज्योतिरादित्य शर्मा, कुचामन
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नीतियों के क्रियान्वयन की चुनौतियां


नई शिक्षा नीति प्रभावशाली है, लेकिन भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण यह धरातल पर आने से पहले ही दम तोड़ देती है। शिक्षकों और अधिकारियों को जिम्मेदार बनाने के लिए सख्त कानून और टोल-फ्री हेल्पलाइन जैसी पहलें जरूरी हैं।
– आलोक वालिम्बे, बिलासपुर
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क्वालिटी शिक्षा की कमी


आज की शिक्षा प्रणाली में संस्थानों की भीड़ तो है, लेकिन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अच्छे शिक्षकों की कमी के कारण बच्चे केवल डिग्री लेकर रह जाते हैं। रोजगार के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल की कमी छात्रों को प्रभावित कर रही है।
– पन्ना लाल धाकड़, खाचरोल

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