सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेक न्यूज और हेट स्पीच फैलाने का जरिया बनते जा रहे हैं। इन पर गलत विचारों भी प्रसारित होते हंै, जिससे देश की आंतरिक सुरक्षा खतरे मे पड़ सकती है।
-अशोक कुमार शर्मा, जयपुर
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बढ़ रहा है खतरा
सोशल मीडिया के द्वारा होने वाले साइबर अपराधों जैसे हैकिंग और फिशिंग आदि का खतरा भी बढ़ जाता है। आजकल सोशल मीडिया के माध्यम से धोखाधड़ी का चलन भी काफी बढ़ गया है। लोग ठगी का शिकार भी हो रहे है। गोपनीयता की कमी के कारण डेटा चोरी होने का खतरा भी रहता है।
- झंवरलाल झझु, बीकानेर
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त्वरित कार्रवाई नहीं करतीं कंपनियां
नई आइटी गाइडलाइन को प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया गया है। उपभोक्ताओं की निजता की सुरक्षा में लापरवाही बरती जा रही है। गलत पोस्ट वायरल ज्यादा हो रही हैं। सोशल मीडिया कंपनी अपने प्लेटफॉर्म पर किसी अनुचित पोस्ट के खिलाफ शिकायत पर त्वरित कार्रवाई नहीं करती है। विभिन्न सोशल मीडिया कंपनियों में आपस में सामंजस्य नहीं है।
-भवानी सिंह, जैसलमेर
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सोशल मीडिया कंपनियां केंद्र सरकार के नियमों की अवहेलना करती रहती हंै। वाट्सऐप तथा फेसबुक पर पोस्ट किसी की भी निजता के खिलाफ नहीं होना चाहिए। केंद्र सरकार को सोशल मीडिया कंपनियों की मनमानी रोकनी होगी।
-शिवजी लाल मीना, जयपुर
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सोशल मीडिया से जुड़ी कंपनियों का, फेक न्यूज और हेट स्पीच फैलाने में बहुत बड़ा हाथ है। गोपनीयता की कमी के चलते निजी डेटा की चोरी के मामले सामने आते रहते हैं। सोशल मीडिया का सहारा लेकर हो रहे साइबर अपराध जैसे हैकिंग और फिशिंग की वजह से भी सोशल मीडिया से जुड़ी कंपनियां विवादों में बनी रहती हैं।
-नरेश कानूनगो, देवास, मप्र