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क्या सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल कर देनी चाहिए?

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

Jun 27, 2021 / 06:21 pm

Gyan Chand Patni

क्या सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल कर देनी चाहिए?

क्या सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल कर देनी चाहिए?

छलावा है नई पेंशन योजना
जनवरी 2004 के बाद नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना के स्थान पर नई पेंशन योजना लागू की गई है, जो कि सही मायने में देखा जाए तो पेंशन योजना है ही नहीं। यह एक बाजारवाद पर आधारित प्रणाली है, जिसमें किसी भी प्रकार की न्यूनतम गारंटी नहीं है। पुरानी पेंशन योजना सरकारी कर्मचारी के बुढ़ापे की लाठी है, तो दूसरी ओर नई पेंशन योजना उसके साथ बहुत बड़ा छलावा है। इस योजना में शामिल कर्मचारी को 60 वर्ष की उम्र के पश्चात मामूली मासिक पेंशन मिलती है, जबकि पुरानी पेंशन योजना में इतनी ही सेवा के बदले अच्छी मासिक पेंशन मिलती हैं। नई पेंशन योजना फायदेमंद नहीं है। इसमें कार्मिकों का पेंशन के नाम पर जमा पैसा यूटीआई, एसबीआई तथा एलआईसी के पास जाता है जो इसको शेयर मार्केट में लगाते हैं। सेवानिवृत्ति के समय जो बाजार भाव रहेगा, उसके अनुसार कार्मिक को पैसा मिलेगा। हो सकता है उसका मूलधन भी उसे ना मिले। अत: यह नितान्त आवश्यक है कि सरकारी कर्मचारियों के हित में सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने वाली पुरानी पेंशन व्यवस्था को तुरंत बहाल किया जाए, ताकि सेवानिवृत्ति के बाद व्यक्ति स्वाभिमान के साथ जीवन जी सके।
जयदर्थ यादव, बहरोड़, अलवर
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अभी पुरानी पेंशन शुरू करने का समय नहीं
भारत में सरकारी कर्मचारियों का वेतन बहुत आकर्षक है। वृद्ध सरकारी कर्मचारियों को पेंशन देने में कोई एतराज नहीं है, किंतु इस समय कोरोना काल में सरकार पर अत्यधिक राजस्व व्यय के साथ अन्य आपातकालीन खर्चे बढ़ गए हैं। ऐसे में एक संतुलन स्थापित करते हुए यह समय सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन शुरू करने का नहीं है। निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों तथा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों खासतौर पर महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता अधिक है। साथ ही उन लोगों पर भी जो गरीबी रेखा से नीचे पहुंच गए हैं। समाज में संतुलन तथा समानता स्थापित करना चाहिए।
-एकता शर्मा, गरियाबंद, छत्तीसगढ़
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सांसदों और विधायकों को पेंशन क्यों
एक दिन सांसद, विधायक रहने पर भी उनको पेंशन मिलती है, तो कर्मचारियों को पेंशन देने में हिचक क्यों? सरकारी कर्मचारियों को भी पुरानी योजना की तरह पेंशन मिलनी चाहिए, क्योंकि उनका भी परिवार है। 30-35 साल तक की सेवा देने के बाद उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने के लिए पेंशन राशि हर हालत में मिलना चाहिए। अगर कर्मचारियों को पेंशन नहीं दे सकते हैं, तो राष्ट्रपति, राज्यपाल, प्रधानमंत्री, सांसदों और विधायकों की भी पेंशन बंद की जाना चाहिए।
-हेमा हरि उपाध्याय, अक्षत खाचरोद, उज्जैन
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अर्थव्यवस्था को लाभ
सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल करना जरूरी है। इससे कर्मचारी, राज्य और अर्थव्यवस्था तीनों को लाभ है। वर्तमान एनपीएस प्रक्रिया में कर्मचारी भय के कारण धन संग्रह करते हैं, जिससे अर्थव्यवस्था में मांग घटती है। अगर पुरानी पेंशन बहाल होती है, तो इससे लाभ ही होगा।
राजीव रत्न वाजपेयी, अजमेर
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मिले सम्मानजनक पेंशन
सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना बंद करना एक गलत कदम था, जो अटल सरकार के समय उठाया गया था। कोई भी व्यक्ति एक बार या एक दिन भी विधायक बन जाए, तो आजीवन उसे पेंशन का लाभ मिलता है। सांसदों और विधायकों के वेतन-भत्ते जब चाहे बढ़ा दिए जाते हैं। दूसरी तरफ सरकारी विभाग में पूरा जीवन खपा देने वाले व्यक्ति को सम्मानजनक पेंशन तक नहीं मिल रही।
-करण सोलंकी तखतगढ़
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दोहरा रवैया
सरकारी कर्मचारी अधिकतम वर्षों तक सेवाएं देता है, लेकिन उसे सम्मानजनक पेंशन नहीं मिलती। दूसरी तरफ एक बार सांसद या विधायक बनने पर ही पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है। सरकार का यह दोहरा रवैया निंदनीय है। सभी सरकारी कर्मचारियों को पूर्वानुसार पेंशन मिलनी चाहिए।
– रघुवर दयाल पारीक, चौमूं, जयपुर
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उपयोगी नहीं है नई पेंशन योजना
सरकारी कर्मचारी अपना पूरा जीवन सेवा में गुजार देता है। इसलिए सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्त पश्चात न्यूनतम पेंशन की गारंटी सरकार द्वारा मिलनी ही चाहिए, जिससे वह अपने बचे जीवन को बिना किसी परेशानी व्यतीत कर सके। नई पेंशन योजना में इस तरह की गारंटी नहीं है। इससे कर्मचारी को गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है।
-धूड़ सिंह सामोता, श्रीमाधोपुर सीकर .
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हक है पेंशन
सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाना चाहिए, क्योंकि एक कर्मचारी अपनी युवावस्था से 60 वर्ष तक सेवा करके केवल वेतन पाता है। सेवानिवृत्ति के बाद जब शरीर साथ छोडऩे लगता है तब परिजन भी उसको बोझ समझ लेते हैं। पेंशन 60 वर्ष तक की गई सेवा के बदले कर्मचारी का हक होता है। सरकार को चाहिए कि वह अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दे।
-मोहित कुमार जैन, झालावाड़
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जरूरी है पुरानी पेंशन
वर्ष 2004 के बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारियों को नवीन पेंशन योजना में शामिल किया गया है। नई पेंशन योजना सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक संकट का कारण बनेगी। एक बार विधायक या सांसद बनने पर व्यक्ति को जीवन भर पेंशन मिलती है। अपने जीवन के 25 से 30 साल बिना सरकारी सेवा में बिताने के बाद भी सरकारी कर्मचारी को पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन नहीं मिलती। चाहे सेवानिवृत्ति की आयु 60 से 58 वर्ष कर दी जाए, लेकिन पुरानी पेंशन योजना ही लागू होनी ही चाहिए ।
-परेम शर्मा, रजवास, टोंक
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पेंशन है बुढ़ापे का सहारा
पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने से काफी नए कर्मचारियों के चेहरे प्रफुल्लित हो उठेंगे। पुरानी पेंशन स्कीम लागू होने से सेवानिवृत्त कर्मचारियों का बुढ़ापा आराम से कटेगा। बुढ़ापे में किसी सहारे का मोहताज नहीं होना पड़ेगा ।
-सुरेश कुमार मीना, जयपुर
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ताकि बचा रहे सम्मान
सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी वृद्धावस्था में सम्मानजनक तरीके से रह सकें, इसके लिए सरकार को पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना चाहिए। जब विधायिका में अच्छा वेतन ले रहे लोगों के लिए पेंशन का प्रावधान है, तो फिर कर्मचारियों पर नई पेंशन योजना थोपना उचित नहीं है। आजकल एनपीएस के तहत रिटायर हो रहे अधिकांश सरकारी कर्मचारियों को मिल रही पेंशन से उनका सामाजिक जीवन और प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। वृद्धावस्था में वे छोटे-मोटे कार्य कर गुजर-बसर करने के लिए मजबूर है। अत: सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा, सम्मान व स्वाभिमान को बचाए रखने के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाना चाहिए।
-कमलेश कुमार कुमावत, चौमूं, जयपुर
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बहाल की जाए पुरानी पेंशन योजना
एक सरकारी कर्मचारी 60 या 62 साल में सेवानिवृत्त होता है। वह अपने जीवन के सम्पूर्ण सुनहरे पल सरकारी विभाग के लक्ष्य को प्राप्त करने में लगा देता है। सेवानिवृत्ति के बाद वह शारीरिक रूप से कमजोर हो जाता है। बेटे, बहू, नाती ,पोते उसके साथ जुड़ जाते है। इस तरह उसकी जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के बाद पुरानी पेंशन योजना के अनुसार पेंशन के रूप में अच्छी राशि मिलती थी। इससे उनके परिवार का भरण-पोषण आसानी से चलता रहता था। सेवानिवृत्ति के बाद वृद्धावस्था में कर्मचारी सम्मानजनक तरीके से जीवन यापन करता रहे, इसलिए पेंशन दी जाती है। अत: पुरानी पेंशन योजना बहाल होनी चाहिए।
-भीकम झारिया, जबलपुर, मध्य प्रदेश
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पुरानी पेंशन योजना बहाल हो
2004 में लागू नई पेंशन स्कीम न केवल अन्यायपूर्ण है, अपितु कर्मचारियों को वृद्धावस्था के दौरान सामाजिक सुरक्षा के कानूनी अधिकार से भी वंचित करती है। इससे एकमात्र फायदा बीमा और शेयर बाजार को हुआ है। कर्मचारियों की कमाई मार्केट रिस्क के अधीन हो जाती है। नई पेंशन में सरकारों को भी आर्थिक नुकसान हुआ है क्योंकि सारी राशि शेयर मार्केट में लगी रहती है। जो कर्मचारी असमय मौत के मुंह में समा गए, उनके परिवार ने नई पेंशन योजना के कारण कठोर आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। यदि सरकारों को लोक कल्याणकारी नीति का अनुसरण करना है, तो तत्काल पुरानी पेंशन योजना लागू करनी चाहिए।
सतीश कुमार गौतम, अंता, बारां
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पेंशन है कर्मचारियों का हक
सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलना चाहिए। यह उनका वाजिब हक है। यदि केंद्र सरकार कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं करती है, तो यह 2024 में मुख्य चुनावी मुद्दा बनेगा। इसके दुष्परिणाम वर्तमान सरकार को भुगतने पड़ेंगे, क्योंकि यह मुद्दा कर्मचारियों के भविष्य से जुड़ा हुआ है।
-कैलाश सामोता, कुंभलगढ़, राजसमंद
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भविष्य के लिए चिंतित
नई पेंशन योजना लागू होने से लाखों कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान हुआ है। कर्मचारी अपने भविष्य के लिए चिंतित हैं, क्योंकि पुरानी पेंशन योजना बंद हो गई है। बुढ़ापे में उनका कौन सहारा बनेगा? सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था का हिस्सा बनाया जाए।
-जसवीर खाम्भू, जोधपुर.
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बुढ़ापे में देखभाल पर असर
सरकार को पुरानी पेंशन योजना बहाल करनी चाहिए। कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद हर माह पेंशन का भुगतान जरूरी है। पैसा हर माह उन्हें मिलता रहने से उनकी देखभाल ठीक तरह से हो जाती है।
-शिवजी लाल मीना, जयपुर
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पुरानी पेंशन योजना लागू होनी चाहिए
सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलना चाहिए। यह उनका वाजिब हक है। यदि केंद्र सरकार कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं करती है, तो यह मुख्य चुनावी मुद्दा बनेगा, यह मुद्दा कर्मचारियों के सम्मान के साथ जुड़ा है।
ब्रम्हा नंद मीणा खमनोर, राजसमंद
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नई योजना में जोखिम ज्यादा
सरकार ने नई पेंशन योजना (एनपीएस)लागू की है , परंतु सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को ही अच्छा मानते हैं। केंद्र ने नई पेंशन स्कीम के फंड के लिए अलग से खाते भी खुलवाए हैं। पेंशन फंड का शेयर बाजार एवं बांड में निवेश का प्रावधान भी रखा है। इसमें जोखिम है। निवेश का रिटर्न अच्छा रहा तो कर्मचारियों को लाभ होगा, वरना जोखिम भी उठाना पड़ सकता है। इसके कारण सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग कर रहे हैं
-सतीश उपाध्याय, मनेंद्रगढ़ कोरिया, छत्तीसगढ़

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