Gulab Kothari Article Sharir Hi Brahmand: अध्यात्म के चार अंग हैं—शरीर, मन, बुद्धि व आत्मा। इनमें से बुद्धि आग्नेयी व मन सौम्य है। पुरुष में आग्नेयी बुद्धि की प्रधानता रहती है तथा स्त्री में सौम्य मन की। प्रजा की उत्पत्ति में स्थूल-सूक्ष्म व कारण तीनों शरीर काम आते हैं। स्थूल दृष्टि से पुरुष एवं स्त्री क्रमश: आग्नेय व सौम्य हैं। सूक्ष्म स्तर पर ये ही क्रमश: शुक्र व शोणित रूप में सोम और अग्नि हैं। शरीर ही ब्रह्माण्ड शृंखला में सुनें पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी का यह विशेष लेख- प्रकृति-पुरुष ही क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ
जयपुर•Jul 26, 2024 / 10:53 pm•
Gyan Chand Patni
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