आगामी बजट में जनता को कर में राहत की उम्मीद है। सब्सिडी योजना का विस्तार हो। राजकोषीय घाटा कम हो। व्यर्थ के खर्चों पर लगाम लगे। बजट ऐसा हो जिससे भविष्य में जीडीपी की दर में वृदिृध हो।
गिरीश ठक्कर, राजनंदगांव
अंतरिम बजट जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए बने। बजट सर्वस्पर्शी, समावेशी और रोजगार के साधनों को बढ़ाने वाला हो। महंगाई को नियंत्रित करने वाला हो। खेती की लागत कम हो और छोटे किसानों को फायदा पहुंचे। पेट्रोल व डीजल पर बढती दरों पर लगाम लगे, जिससे आम जनता को राहत मिले।
पवन कुमार जैन, जयपुर
अंतरिम बजट से मध्यम वर्ग को पर्याप्त राहत मिले। जीएसटी की दरों व आयकर में कमी हो। सस्ती व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व उचित चिकित्सा मिले। महंगाई से राहत मिले।
राज कुमार तिवाड़ी, जयपुर
अंतरिम बजट से जनता को महंगाई से राहत मिले। पेट्रोल—डीजल के दाम कम हों। किसानों के लिए सिंचाई
सुविधाओं का विस्तार हो,पर्याप्त रोजगार सृजन हो, सरकार साइबर अपराधों में कमी लाने के ठोस उपाय करे। शांति के प्रयासों को बढावा मिले।
शिवजी लाल मीना, जयपुर
मनुष्य की मूलभूत आवश्यकता के रूप में रोटी, कपडा और मकान सस्ता मिले। गरीब अपना घर आसानी से चला सके। वह मूलभूत आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा करके मानसिक शांति प्राप्त करे।
आनंद सिंह राजावत, देवली कला, ब्यावर
सरकार बढ़ती महंगाई पर रोक लगाए। आम आदमी पेट भर सके। सरकार को पैट्रोल डीजल की कीमतों को भी कम करना चाहिए। इससे आम आदमी के घर का बजट सुधरेगा साथ ही देश में महंगाई पर अंकुश लग सकेगा।
लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़
जनता को बढ़ती हुई महंगाई से राहत की आशा है। पेट्रोल और डीजल की सभी राज्यों में एक सी कीमतें हों और सरकार उस पर से टैक्स में कमी करे। युवाओं के अपराधीकरण को रोकने के लिए उन्हें रोजगार पर लगाया जाना जरूरी है। युवाओं को रोजगार के पर्याप्त अवसर मिलें।
आशुतोष शर्मा एडवोकेट, विद्याधर नगर, जयपुर
अंतरिम बजट में केंद्र सरकार को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का दायरा बढ़ाना चाहिए। वृद्धजन, विधवा महिलाएं,असहाय, वंचित वर्ग एवं गरीबी रेखा से नीचे वाले लोगों को अधिक से अधिक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिल सके।
प्रकाश भगत, कुचामन सिटी, नागौर