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Noida: ट्विन टावर गिराने को लेकर रूट डायर्वजन जारी, जान लें प्लान आसपास की बिल्डिंग को नहीं होगा नुकसान उन्होंने आगे बताया कि यह पूरी प्रक्रिया बेहद आसान होगी। इस दौरान हम इमारत से 50.70 मीटर की दूरी पर रहेंगे। इसलिए डरने जैसी या खतरे वाली कोई बात नहीं है। उन्होंने आश्वस्त किया कि बिल्डिंग ठीक तरह से धूल में मिल जाएगी। बताया कि ब्लास्ट एरिया को लोहे की 4 परतों और कंबल की दो परतों से ढका जाएगा। इसलिए धूल उड़ सकती है लेकिन मलबा नहीं। उन्होंने बताया कि आसपास की भी किसी बिल्डिंग को कोई भी नुकसान होने की कोई गुंजाइश नहीं है।
कंपन करने के लिए लगाए गए इम्पैक्ट कुशन्स बता दें कि सुपरटेक के ट्विन टावर्स दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊंचे हैं। वहीं टावर्स के ध्वस्तीकरण के समय कंपन को कम करने के लिए इम्पैक्ट कुशन्स लगाए गए हैं। वहीं एमराल्ड कोर्ट में फ्लैट में अब खिड़की दरवाजों या जो भी खुले स्थान हैं, उनको बंद किया गया है। कोर्ट के निवासियों को एक फॉर्म सोसाइटी की तरफ से दिया गया है, जिसमें निवासियों को अपना फ्लैट खाली करने से पहले फ्लैट डिटेल्स के साथ फॉर्म में लिखे नियमों को पूरा करना होगा।
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ट्विन टावर के पिलरों में विस्फोटक लगाने का काम पूरा, अब ब्लास्ट का इंतजार सुप्रीम कोर्ट ने ट्विन टावर्स गिराने की दी मंजूरी गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के ट्विन टावर्स को नेस्तनाबूद करने की मंजूरी दे दी है। पहले इन्हें गिराने का काम 21 अगस्त को होना था लेकिन कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी की बात को मानते हुए इमारत गिराने की तारीख को 28 अगस्त तक बढ़ा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह नोएडा प्राधिकरण और सुपरटेक के बीच नापाक मिलीभगत का नतीजा है। कोर्ट ने आदेश में कहा था कि कंपनी नोएडा प्राधिकरण और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट जैसे एक्सपर्ट की देखरेख में अपने खर्च पर विध्वंस करेगी।