एडीसीपी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि सुधा नाम की महिला अपनी 19 साल की बेटी निक्की और 16 साल की पल्लवी के साथ सेक्टर-39 स्थित सदरपुर की खजूर कॉलोनी में रहती है। पल्लवी 9वीं क्लास की छात्रा है और दिल्ली के स्कूल में पढ़ती है। जबकि निक्की स्कूल नहीं जाती है। सुधा के पति सुभाष का काफी समय पहले देहांत हो चुका है। सुधा डिक्सन कंपनी में काम करके जैसे-तैसे परिवार का गुजारा करती है।
उन्होंने बताया कि सुधा दोनों बेटियों की शादी तय करना जा रही थी, जिससे दोनों बहने नाखुश थीं। दोनों ने सेक्टर-96 स्थित यूनिटेक बिल्डर की निर्माणाधीन सोसाइटी की 11वीं मंजिल से नीचे गिर गईं। सुबह जब सुधा की नींद खुली तो दोनों बेटियां घर पर नहीं थीं। उसने अन्य परिजनों को इसकी सूचना दी। परिवार में अफरा-तफरी मच गई। परिजन लड़कियों को तलाश करते हुए निर्माणाधीन सोसाइटी पर पहुंचे तो निक्की का लहूलुहान शव जमीन पर पड़ा था, जबकि पल्लवी तड़प रही थी। परिजनों ने पुलिस की मदद से दोनों को नोएडा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने निक्की को मृत घोषित कर दिया। जबकि पल्लवी की गंभीर हालत देखते हुए उसे दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया।
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भाई की हत्या करने वाले दो भाइयों समेत चार को उम्रकैद, घटना को दिया था को सड़क हादसे का रूप बोली- दीदी को बचा नहीं सकी एडिशनल डीसीपी ने बताया कि घायल पल्लवी अभी तक कोई स्पष्ट बयान नहीं दे पा रही है। शुरुआती पूछताछ में उसने बताया कि मेरे द्वारा दीदी को बचाने का प्रयास किया गया था, लेकिन दीदी को नहीं बचा पाई। फिलहाल घायल पल्लवी का इलाज दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में चल रहा है। उसके स्वस्थ होने और बयान देने के बाद पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।